कोलकाता। भारत को भ्रस्टाचारमुक्त देश बनाने के संकल्प के साथ केंद्र की सत्ता में आई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार अपने संकल्प के अनुरूप भ्रस्टाचारियों पर एक्शन मोड पर आ गए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर भ्रस्टाचारियों के खिलाफ देश भर में ईडी द्वारा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। ईडी की छापेमारी का मुख्य केंद्र अभी पश्चिम बंगाल है। सबसे बड़े शिक्षा घोटाला मामले में ईडी छापेमारी कर अब तक करोड़ों रूपए जब्त कर चुकी है और कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी अब भी जारी है।


पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले का दायरा बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। खबर है कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुवेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के 100 नेताओं के एक सूची केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सौंपी है। इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है।


अधिकारी की तरफ से शाह को सौंपी गई सूची में सत्तारूढ़ दल टीएमसी के उन नेताओं का नाम शामिल है, जो कथित तौर पर घोटाले में शामिल रहे हैं। साथ ही उन्होंने गृहमंत्री को कुछ टीएमसी विधायकों समेत कुछ नेताओं के लैटरहेड भी दिए हैं, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर रिश्वत लेने के बाद सिफारिश करने के लिए किया जाता था।


उन्होंने शाह से मामले की बड़े स्तर पर जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षक भर्ती घोटाले में 80-90 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को खराब कर दिया गया। अधिकारी ने यह भी जानकारी दी है कि पार्टी बड़े स्तर पर टीएमसी सरकार के खिलाफ राज्य में अभियान छेड़ने की तैयारी कर रही है।


इधर, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी टीएमसी प्रमुख बनर्जी पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बगैर उनकी जानकारी के यह घोटाला नहीं होता। वहीं, सीएम बनर्जी ने भी कैबिनेट में फेरबदल की तैयारियां की हैं। उनके इस फैसले को 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पार्थ चटर्जी मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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