नगर पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बचेगी या छिनेगी..?

बेमेतरा। जिले के थानखम्हरिया‎ नगर पंचायत अध्यक्ष अंजना राजेश‎ ठाकुर की कुर्सी को लेकर चर्चा फिर से सरगर्म हो गई है। दरअसल नपं‎ अध्यक्ष अंजना ने अपने खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में हाईकोर्ट की‎ शरण ली और इसके बाद कोर्ट ने ‎अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगा‎ दी थी। मगर अब कोर्ट ने स्टे को हटाते हुए कलेक्टर को कार्रवाई का आदेश दिया है।

अविश्वास प्रस्ताव की तारीख हो गई थी तय

थानखम्हरिया‎ नगर पंचायत में बीते 10 मई‎ ‎को कांग्रेस पार्षदों ने‎ ‎कलेक्टर के पास‎ ‎नपं अध्यक्ष‎ ‎अंजना राजेश‎ ‎ ठाकुर के‎ ‎ खिलाफ‎ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आवेदन‎ दिया था। इस पर कलेक्टर द्वारा‎ अविश्वास प्रस्ताव की तारीख 25‎ मई तय की गई थी। इधर नपं‎ अध्यक्ष अंजना ने हाईकोर्ट की‎ शरण ली और इसके बाद कोर्ट ने ‎अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगा‎ दी।

कलेक्टर के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश करते कांग्रेसी पार्षद

इसी बीच 10 अगस्त को कोर्ट ने अविश्वास ‎प्रस्ताव के स्टे को हटा दिया है।‎ इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव पर कार्रवाई‎ के निर्देश दिए हैं।‎

नाराज 3 पार्षद कांग्रेस में हो गए थे शामिल

भाजपा की नगर पंचायत अध्यक्ष ‎अंजना राजेश ठाकुर की‎ कार्यप्रणाली से नाखुश होकर डेढ़‎ वर्ष पूर्व नगर पंचायत के उपाध्यक्ष ‎महेश निषाद व भाजपा के दो पार्षद ‎कन्हैया निर्मलकर व रीना लोकनाथ ‎सिन्हा ने 30 जनवरी 2021 को‎ साजा विधायक व कृषि मंत्री रविन्द्र ‎चौबे के समक्ष एक कार्यक्रम में कांग्रेस‎ प्रवेश कर लिया था। अब नपं के‎ कुल 15 सीट वाले क्षेत्र अंतर्गत‎ कांग्रेस के पास नपं उपाध्यक्ष सहित‎ 10 पार्षद हैं।‎

थानखम्हरिया‎ नगर पंचायत अध्यक्ष अंजना राजेश‎ ठाकुर

विकास कार्य नहीं करने का आरोप

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद इसके पीछे‎ मुख्य वजह शहर में विकास‎ कार्य नहीं होने को बता रहे हैं। कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि नपं अध्यक्ष अंजना‎ राजेश ठाकुर द्वारा शहर के‎ विकास कार्य पर ध्यान नहीं दिया‎ जा रहा था। नपं में अभी तक‎ पीआईसी का गठन भी नहीं हुआ‎ है। बता दें कि निकाय चुनाव‎ 2019 में नपं अध्यक्ष पद के लिए‎ कांग्रेस की तितली गौरव बिंदल‎ को एक वोट से हार का सामना‎ करना पड़ा था। तब तितली गौरव‎ बिंदल को सात व भाजपा की‎ अंजना राजेश ठाकुर को आठ‎ पार्षदों के वोट मिले थे।‎

क्या अपनी कुर्सी बचा पाएंगी रंजना..?

बेमेतरा के राजनैतिक विश्लेषक थान खम्हरिया‎ नगर पंचायत के राजनैतिक घटनाक्रम को लेकर इस चर्चा में व्यस्त हैं कि क्या अविश्वास प्रस्ताव में रंजना अध्यक्ष पद की अपनी कुर्सी बचा पाएंगी ? वैसे जानकर बताते हैं कि अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव में जीत हासिल करने के लिए एक तिहाई वोटों की जरुरत होगी। वर्तमान में रंजना को मिलाकर भाजपा के कुल 5 पार्षद हैं और इतने ही वोटों की रंजना को जरुरत होगी। बताया जा रहा है कि भाजपा के सभी पार्षद फ़िलहाल भूमिगत कर दिए गए हैं ताकि उन्हें प्रभावित न किया जा सके। इनकी एकता अगर बरकरार रही तो रंजना की कुर्सी सही सलामत बच जाएगी।

बहरहाल लोगों को इंतजार है कि कोर्ट के आदेश के बाद बेमेतरा कलेक्टर अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कौन सी तिथि तय करते हैं।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर