SHIKSHA VIBHAG

रायपुर। शिक्षा विभाग ने लापरवाह प्राचार्यों, परीक्षा केंद्राध्यक्षों और शिक्षकों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में दो केंद्राध्यक्षों को विभाग ने निलंबित कर दिया है।

बिना आवेदन भरे परीक्षा में किया सम्मिलित

छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य के हस्ताक्षर से जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि राम कुमार ध्रुव, प्राचार्य/केन्द्राध्यक्ष, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला सिमगा, जिला बलौदाबाजार, एवं यू.डी.गेन्डरे, प्राचार्य/केन्द्राध्यक्ष, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला सिमगा, जिला बलौदाबाजार द्वारा हाईस्कूल/ हायर सेकेण्डरी पूरक परीक्षा वर्ष 2022 में बिना परीक्षा आवेदन पत्र भरे एवं मण्डल की बिना अनुमति प्राप्त किए ही रोल नंबर 1221112506, 2221112083, 2221112918 एवं 2221112531 के छात्र / छात्राओं को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर द्वारा आहूत परीक्षा में सम्मिलित कराया गया।

इस मामले में राम कुमार ध्रुव और यू.डी. गेन्डरे की भूमिका को कर्त्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बताते हुए दोनों को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबित लोक सेवकों का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा) रायपुर नियत किया गया है। साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।

उत्तर पुस्तिकाओं की कर दी अदला-बदली

बलौदा बाजार जिले में ही मिनीमाता शा.क.उ. मा.वि. कसडोल के तत्कालीन, प्राचार्य (केन्द्राध्यक्ष) आर. के. मनहर के खिलाफ छ.ग. राज्य ओपन स्कूल रायपुर द्वारा आहूत हाईस्कूल / हायर सेकेण्डरी परीक्षा, अप्रैल, 2018 केन्द्र क्रमांक 2109 में परीक्षार्थियों के उत्तरपुस्तिकाओं की अदला-बदली का आरोप लगा था।

इसका खुलासा तब हुआ जब संबंधित विद्यालय में आर. के. मनहर के केन्द्राध्यक्ष रहने के दौरान परीक्षार्थी अनिल नवरत्न द्वारा परीक्षा परिणाम उपरांत अपने परीक्षाफल से असंतुष्ट होकर उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति हेतु आवेदन किया गया। उत्तरपुस्तिकाओं का परीक्षण किया गया तब पाया गया कि उक्त छात्र की परीक्षा केन्द्र में प्रदान की गई उत्तर पुस्तिका एवं मूल्यांकन के पश्चात् प्राप्त उत्तरपुस्तिका क्रमांक में भिन्नता है। तत्पश्चात् परीक्षा केन्द्र क्रमांक 21-09 की उत्तरपुस्तिका की जांच की गई जिसमें दो प्रकार की अनियमितता पाई गई – परीक्षा केन्द्र में प्रदान की गई उत्तरपुस्तिका की अदला-बदली और उत्तरपुस्तिकाओं के सरल क्रमांक बदले गये।

इस मामले में आर. के. मनहर को तत्काल निलंबित कर दिया गया था। इसके उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई विभागीय जांच के बाद मनहर की बहाली कर दी गई थी। जांच प्रतिवेदन का परिशीलन किया गया, जिसमें मनहर को अवचार का दोषी पाया गया। फलस्वरूप उनकी आगामी एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया।

BEO ने दिवंगत शिक्षकों का निकाला वेतन..!

एक अन्य मामले में राजनांदगांव जिले में पदस्थ तत्कालीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, धुरिया, लालजी द्विवेदी के ऊपर 02 दिवंगत लोक सेवकों का वेतन आहरण एवं एक शिक्षक के महंगाई भत्ते की त्रुटिपूर्ण एरियर्स राशि का आहरण करने का आरोप लगा। यह मामला उजागर होने के बाद लालजी द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद विभागीय जांच शुरू की गई।

इस तरह राशि का किया गबन

तत्कालीन BEO लालजी द्विवेदी द्वारा मृतक शासकीय सेवक जीवन लाल कोर्राम, शिक्षक(एलबी) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला आटरा की मृत्यु पश्चात् 03 माह 07 दिन का अनियमित रूप से वेतन आहरण कर लिया गया। इसी तरह मृतक शासकीय सेवक चन्द्र कुमार सिन्हा, सहायक शिक्षक (एलबी) शासकीय प्राथमिक शाला घुपसाल की मृत्यु पश्चात् 03 माह 16 दिन का अनियमित रूप से वेतन आहरण कर अनियमितता की गई।

इसके अलावा तत्कालीन BEO लालजी द्विवेदी द्वारा मृतक शासकीय सेवक तुकाराम चन्द्रवंशी शिक्षक(एलबी) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला साल्हेटोला का महंगाई भत्ते के एरियर्स राशि 3,51,519/- का अनियमित रूप से आहरित कर लिया गया।

गबन की गई राशि कर दी जमा..!

पता चला है कि इन मामलों की जांच के दौरान ही लालजी द्विवेदी द्वारा गबन की गई राशि को विभाग में जमा करा दिया गया। हालांकि जांच को लेकर उनके द्वारा शो कॉज नोटिस के बाद दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके चलते उनकी एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित किए जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया। साथ ही उनके निलंबन अवधि को कर्त्तव्य अवधि मान्य किया गया है।

कार्रवाई से विभाग में मचा हड़कंप

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही इस तरह की कार्रवाइयों से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। क्योंकि अब तक ऐसे मामलों में प्रारंभिक कार्रवाई के बाद मुख्यालय स्तर से होने वाली कार्रवाई का कुछ भी पता नहीं चलता था। वर्तमान में की गई कार्रवाई पर नजर डालें तो उनमे से कुछ दो से तीन साल पुराने हैं। पूर्व में आरोप लगते रहे हैं कि मुख्यालय स्तर मामलों को दबा दिया जाता था, मगर अब जिस तरह पुराने फाइलों को खंगाल कर कार्रवाई की जा रही है उससे विभाग के उन अधिकारियों को अपनी कुर्सी खिसकती दिखाई दे रही है, जिन्होंने अपने भ्रष्ट कारनामों की फाइल दबवा रखी है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी ने TRP न्यूज़ से चर्चा में कहा कि फ़िलहाल कार्रवाई शुरू हुई है, दूसरे मामलों में भी विभाग कठोरता से कार्रवाई करेगा।

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