हेल्थ डेस्क- एलर्जी कई लोगों को होता है। एलर्जी तब होती है जब आपके शरीर की रक्षा प्रणाली एलर्जन नामक एक बाहरी पदार्थ के प्रति प्रतिक्रिया देती है, जिसके परिणामस्वरूप छींकने और आंखों से पानी आने से लेकर शरीर पर चकत्ते और गंभीर मामलों में जानलेवा एनाफिलेक्सिस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं ।

एलर्जी मौसमी हो सकती है, जैसे पराग एलर्जी जो की वसंत (फागुन ) और गर्मी के मौसम में खराब हो जाती है, बिल्लियों या मूंगफली से एलर्जी जो साल भर बनी रहती है। एलर्जी को प्रबंधित करने का सबसे अच्छा तरीका एलर्जेन के संपर्क से बचना या समाप्त करना है, और ओवर-द-काउंटर या प्रिस्क्रिप्शन दवा लेने से लक्षणों का इलाज करना है।

सबसे आम एलर्जन जानवरों की रूसी, भोजन, पराग, धूल और मोल्ड हैं, इसलिए यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि आप सभी प्रकार की अजीब चीजों से एलर्जी विकसित कर सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ अजीबो-गरीब एलर्जी के बारे में बताएँगे

सबसे आम प्रकार की एलर्जी

सांस संबंधी एलर्जी: इनमें सामान्य एलर्जी जैसे पराग, मोल्ड, धूल, वायु प्रदूषक, रासायनिक धुएं, धुआं और पालतू जानवरों की रूसी शामिल हैं।

खाद्य एलर्जी: “बड़ी आठ” खाद्य एलर्जी शंख, गेहूं, सोया, दूध, अंडे, ट्री नट्स, मूंगफली (ग्राउंड नट्स) और मछली हैं।

त्वचा की एलर्जी: त्वचा की एलर्जी वाले मरीजों को त्वचा के संपर्क में आने पर गंभीर प्रतिक्रिया होती है। एलर्जी प्रतिक्रियाएं आमतौर पर चकत्ते और फफोले हो सकते हैं।

सबसे दुर्लभ और अजीब एलर्जी

सूरज की किरणों से एलर्जी-

आपको धूप पसंद नहीं ये अलग बात है, लेकिन अगर कोई कहे कि उसे सूरज की किरणों से ही एलर्जी है तो वो दूसरी बात है। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें सूरज की किरणों से एलर्जी होती है और वो बिना प्रोटेक्शन के दिन में बाहर निकल ही नहीं सकते। कई लोगों को तो ये इतनी ज्यादा होती है कि उन्हें खास कपड़े पहनने पड़ते हैं।

इस सूरज की एलर्जी का साइंटिफिक नाम है फोटोसेंसिटिविटी (photosensitivity) , कई लोगों को ये रैश, छाले और त्वचा के लाल पड़ने जैसी समस्या के तौर पर दिखती है, लेकिन कई मामलों में ये त्वचा के जलने जैसा लगने लगता है। जो लोग बिलकुल भी सूर्य की रौशनी का सामना नहीं कर सकते उन्हें erythropoietic protoporphyria नाम की मेडिकल कंडीशन होती है। ये एक शारीरिक कमीसे होता है, जिसके कारण ऐसे लोग सूर्य की किरणों का भी सामना कुछ मिनट भी नहीं कर सकते।

पानी से एलर्जी

Rticaria एक ऐसी तरह की एलर्जी होती है जो त्वचा में चकत्ते, छाले और ऐसी ही समस्याओं का नाम दिया जाता है। इसी में से एक है aquagenic urticaria यानी पानी से एलर्जी। ये एलर्जी ऐसी है कि अगर आप किसी के आंसू भी पोंछने गए तो आपके हांथों में छाले आ सकते हैं या गहले में लाल चकत्ते पड़ सकते हैं और दर्द हो सकता है। यहां तक कि अपने आंसू भी पोछेंगे को भी आपको एलेर्जी होगी। ऐसे लोग अगर पूरा ग्लास पानी भी पी लेते हैं तो उन्हें दर्द होने लगता है। ऐसे लोगों के लिए रोजमर्रा के काम भी बहुत दिक्कत भरे हो सकते हैं।

पसीना आना

चोलिनर्जिक पित्ती (सीयू) , या पसीने की एलर्जी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रोगी पसीने के जवाब में त्वचा पर पित्ती या फुंसी विकसित करता है। चोलिनर्जिक पित्ती के अधिकांश मामले हल्के होते हैं, यद्यपि व्यायाम और खेल गतिविधियों में बाधक होते हैं।

ठंडा मौसम

कोल्ड अर्टिकेरिया ठंडे मौसम और तापमान के लिए एक एलर्जी प्रतिक्रिया है। जिन रोगियों को ठंड से एलर्जी होती है, उन्हें पित्ती तब विकसित होती है जब उनकी त्वचा कुछ समय के लिए निश्चित तापमान के संपर्क में आती है। ये प्रतिक्रियाएं हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती हैं, और अत्यधिक मामलों में एक प्रणालीगत प्रतिक्रिया होती है जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है। यह स्थिति आमतौर पर युवा वयस्कों को प्रभावित करती है, और अक्सर कुछ वर्षों के भीतर ठीक हो जाती है। अधिकांश एलर्जी की तरह, इसका इलाज एंटीहिस्टामाइन के साथ किया जा सकता है और ट्रिगर करने वाली स्थितियों से बचा जा सकता है।

कच्चे फल और सब्जियों से

अगर ये सुनने में अजीब लग रहा है तो हो सकता है क्योंकि कई लोगों को खाने से या यूं कहें कि कुछ खास तरह के खाने से एलर्जी होती है। ऐसे लोग अगर कच्चे फल या सब्जी खा लेते हैं तो उनका गला सूझ जाता और और काफी खुजली शुरू हो जाती है। इस समस्या को oral allergy syndrome कहा जाता है। इसमें काफी दर्द होता है।

कई लोगों को ये अजीब लग सकती है, लेकिन ये बहुत ज्यादा अनकॉमन नहीं है, कई लोगों को ये बहुत कम मात्रा में होता है। जैसे अगर कोई सूरन की सब्जी या अरबी खा ले तो उसके गले में खुजली शुरू हो जाए, लेकिन कई लोगों के लिए ये बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल, ऐसे लोग कच्चे फल और सब्जियों में मौजूद प्रोटीन से एलर्जिक होते हैं, कई लोग तो पकाकर भी ऐसी चीज़ें नहीं खा सकते है।