टीआरपी डेस्क। आरबीाई ने इस बार 2000 रुपये के नोट पर आगामी तारीख के बाद से प्रचलन पर रोक लगाई है। ऐसे में इतनी परेशान होने की जरूरत नहीं है। आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने खुद मीडिया के सामने आकर कई बातों को साफ किया।

ये करेंसी मेनेजमेंट ऑपरेशन है

आरबीआई गवर्नर ने 2000 के नोट के प्रचलन से बाहर करने के मुद्दे पर कहा है कि यह करेंसी मेनेजमेंट ऑपरेशन है, पहले भी होता रहा है। उन्होंने बताया कि 2013-14 में भी 2005 से पहले छपे नोटों को बदला गया था। शक्तिकांत दास ने कहा कि हम इसे प्रचलन से वापस ले रहे हैं, ये लीगल टेंडर बना रहेगा।

क्यों लाए गए और क्यों हटाए गए

2000 रुपये के नोट क्यों लाए गए थे इस सवाल के जवाब में दास ने कहा कि  ये पैसा की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता लाने के लिए लाया गया था।  तब 500-1000 के नोट हटाए गए थे और बाजार में नोटों का अभाव हो गया था। अब इसे क्यों हटाया जा रहा है के सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2000 रुपये के नोट हायर वैल्यू ऑफ करेंसी थी। धीरे-धीरे इसका सर्कुलेशन 50 प्रतिशत से नीचे आ गया। बाद में इसकी प्रिंटिंग रोक दी गई थी। इन नोटों का लाइफ साइकिल भी पूरा हो चुका था।

30 सितंबर तक का समय क्यों

करेंसी मैनेजमेंट एक प्रक्रिया के तहत की जाती है। इसमें 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय दिया गया है। तारीख इसलिए दी गई है ताकि लोग इसे गंभीरता से लें। शक्तिकांत दास ने कहा कि लोग बैंकों में दौड़कर न जाएं। आराम से बैंक जाएं, अपना समय लें। अभी चार महीने हैं। हम देखेंगे के कितने नोट वापस आए। हम बैंकों के जरिए यह मॉनिटर कर रहे हैं।

जो विदेश में हैं उनकी समस्या भी देखेंगे

 दास ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं उन्हें यह आश्वासन देना  चाहता हूं कि जो भी दिक्कत होगी, हम समझेंगे और जो भी हमारे पास समस्या आएगी हम उसका समाधान करेंगे। कोई भी शिकायत होगी। हम उसे देखेंगे।

लीगल टेंडर बना रहेगा 2000 का नोट

करेंसी हटेगी तो लीगल टेंडर कैसे रहेगा सवाल के जवाब में आरबीआई के प्रमुख ने कहा कि हम यह सोचते हैं कि 30 सितंबर तक हम देखेंगे कि कितने नोट वापस आते हैं फिर हम तय करेंगे। हम उम्मीद करते हैं ज्यादातर नोट वापस आ जाएंगे। उन्होंने  कहा कि बैंक ₹2000 के नोटों के जमा और विनिमय पर दैनिक डेटा बनाए रखेंगे।

चलन पहले ही हो चुका था कम

आरबीआई गवर्नर ने  कहा  कि  पहले भी छोटी दुकानों ने कभी भी 2000 रुपए के नोट स्वीकार नहीं किए गए. उन्होंने डिजिटल भुगतान को प्राथमिकता दी। 2,000 रुपये के नोट स्वीकार करने की अनिच्छा थी. यह अब बढ़ सकता है, लेकिन यह कोई नई बात नहीं है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर के बाद वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे। लेकिन इसे प्रचलन से बाहर किया गया है।