बिलासपुर। एक श्रमिक संगठन के हस्तक्षेप के चलते कांकेर जिले के खंडीघाट आयरन ओर माइंस में उत्पादन बाधित है। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उत्पादन शुरू कराने और आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश जिला प्रशासन को दिया है।

दरअसल उद्योगपति हर्षमंदर रस्तोगी की ओर से एक याचिका दायर कर हाईकोर्ट में बताया गया कि उनका रायपुर और दुर्ग में स्टील प्लांट है। साथ ही खंडीघाट, कांकेर में आयरन ओर माइंस है। यहां से वे अपने स्टील प्लांट के लिए कच्चा माल सप्लाई करते हैं। सन् 2017 में जब उन्हें लीज मिली तब कलेक्टर, सरपंच, एसडीएम और प्रमुख ग्रामीणों की उपस्थिति में यहां एक मजदूर कल्याण समिति का गठन किया गया। साथ ही यह तय किया गया कि खदान में किसी अन्य श्रमिक संगठन की उपस्थिति को अवैध माना जाएगा।
उद्योगपति ने बताया कि माइंस से उत्पादन सुचारू रूप से चल रहा था। कुछ माह पहले नागपुर में रजिस्टर्ड लेकन डेमोक्रेटिक खदान श्रमिक संघ के कुछ लोगों ने खदान के काम में हस्तक्षेप शुरू कर दिया। वे मजदूरों को भड़काने लगे, साथ ही काम बंद करने का दबाव डालने लगे। खंडीघाट कल्याण समिति के मजदूरों को काम करने पर जान से मारने की धमकी दी जाने लगी, उनसे हाथापाई भी की गई।
पुलिस-प्रशासन से नहीं मिला सहयोग
याचिकाकर्ता ने इस पर FIR दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने कलेक्टर, एसपी से शिकायत की और पुलिस सुरक्षा की मांग की। कोई सहयोग नहीं मिलने पर हाई कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर की।
याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने प्रशासन को माइंस में पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने और माइनिंग का काम शुरू कराने का आदेश दिया है।
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