JAIL RAKHI

रायपुर। पिछले 4 सालों की तरह इस बार भी जेल विभाग ने राखी के लिए सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें उल्लेख है कि कोरोना का संक्रमण अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है, वहीं प्रदेश में आई फ्लू भी फैला हुआ है। इसलिए प्रदेश की जेलों में इस बार भी रक्षा बंधन का कार्यक्रम नहीं होगा।

छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में भाई-बहन के बंधन के पवित्र पर्व रक्षा बंधन को बड़े ही परंपरागत ढंग से मनाया जाता है। इस मौके पर जेलों में भी पूर्व में कैदी भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनें बड़ी संख्या में पहुंचती थी। मगर जब से कोरोना का संक्रमण हुआ है तब से जेलों में यह परंपरा बंद सी हो गई है। राखी का त्यौहार कल है और जेल विभाग से इसको लेकर सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

सर्कुलर का क्या है मजमून..?

जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं के उप महानिरीक्षक के हस्ताक्षर से जारी इस सर्कुलर में उल्लेख किया गया है कि कोविड के वायरस का संक्रमण अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है। वहीं वर्तमान में आई फ्लू का संक्रमण चारों और फैला हुआ है। इसे दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष भी रक्षा बंधन के कार्यक्रम जेलों में आयोजित नहीं किये जायेंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ की जेलों में कोविड-19 के दिशा निर्देश 2020 से अब तक यथावत् जारी हैं। वहीं इसमें आई फ्लू को भी जोड़ दिया गया है।

राखियों को सेनेटाइज करने का आदेश..!

सर्कुलर में इस बात का भी उल्लेख है कि बंदियों के लिए प्राप्त राखियों को पूरी तरह सेनेटाइज किया जाये और उसके बाद कैदियों को दिए जाएं।

जब संक्रमण का खतरा, तब रोज मुलाकात क्यों..?

जेल प्रबंधन के सर्कुलर के मद्देनजर अब सवाल यह उठता है कि केवल राखी के दिन ही कोरोना और आई फ्लू का संक्रमण फैलेगा, क्या बाकी के दिनों में जब कैदियों के परिजन और शुभचिंतक उनसे मिलने पहुंचते हैं तब उनसे संक्रमण नहीं फैलेगा ?

बता दें कि प्रदेश के 33 जेलों में इस समय 22 हजार से भी अधिक कैदी और विचाराधीन बंदी हैं। इनमें से बहुतायत पुरूष हैं। सभी जेलों में हर रोज बड़ी संख्या में मुलाकाती पहुंचते हैं, जिनकी मुलाकात कैदियों से कराई जाती है। अगर प्रदेश में कोरोना और आई फ्लू के संक्रमण का खतरा है तो फिर जेल प्रबंधन को इन मुलाकातों के बारे में भी सोचना चाहिए।

इस बीच रायपुर केन्द्रीय जेल में मंगलवार को दूर दराज से आई बहनों की भीड़ रही। इन सभी ने जेल में बंद अपने भाईयों के लिए राखी और मिठाई के पैकेट प्रबंधन को सौंप दिया और चली गईं।