भोपाल। एमपी में भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट्स की तीसरी लिस्ट जारी की, इस लिस्ट में एक ही नाम था, और वह भी चौंकाने वाला..! भाजपा की इस सूची में नाम था 33 साल की मोनिका बट्टी का। मोनिका सात दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुई हैं। वे इससे पहले अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं। मोनिका पूर्व विधायक स्व. मनमोहन शाह बट्टी की बेटी हैं। भाजपा ने मोनिका बट्टी को अमरवाड़ा सीट से अपना उम्‍मीदवार बनाया है।

शिवराज के प्रयास से भाजपा में हुईं शामिल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयास से मोनिका ने कुछ दिन पहले ही भाजपा का दामन थामा था। उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। BJP में शामिल होने के हफ्ते भर बाद ही मोनिका को पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाये जाने से सभी को आश्चर्य हुआ है।

जानिए मोनिका बट्टी के बारे में

मध्य प्रदेश में गोंडवाना रत्न के नाम से विभूषित मनमोहनशाह बट्टी की छोटी बेटी मोनिका बट्टी को सन 2020 में अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। मोनिका ने NLU Bhopal से LLM की पढाई की। पिता के असमय निधन के बाद बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर दी गई।

मोनिका अपने पिता मनमोहन शाह बट्टी के साथ राजनैतिक गतिविधियों में बचपन से ही सक्रिय रही हैं और छात्र राजनीति में भी अनुभव रहा है जिसके चलते मोनिका को गोंडवाना पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।

गोंडवाना पार्टी की टिकट छोड़ BJP में हुई शामिल

मोनिका के पिता मनमोहन शाह बट्टी अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के संस्थापक रहे हैं। 2003 में गोंडवाना पार्टी से विधायक रह चुके हैं। मोनिका को इस बार पहले ही गोंडवाना पार्टी ने अपना उम्‍मीदवार बना दिया था, लेकिन उन्‍होंने पार्टी से इस्‍तीफा देकर भाजपा की सदस्‍यता ले ली। मोनिका का भाजपा में शामिल होना और फिर टिकट पाना, कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसकी वजह यह है कि गोंडवाना पार्टी का अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बहुत प्रभाव है। 33 साल की मोनिका छिंदवाड़ा जिले की हर्रई तहसील के देवरी ग्राम की रहने वाली हैं।

पार्टी छोड़ने से गोंडवाना के लोग नाराज

भारतीय गोंडवाना पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी में गई मोनिका शाह को लेकर उनकी पुरानी पार्टी आक्रामक हो गई है। जिसको लेकर भागोंपा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष झमकलाल सरेयाम सहित अन्य नेताओं ने उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से इनकार कर दिया। इन नेताओं ने कहा कि भारतीय गोंडवाना पार्टी का मोनिका शाह से कोई संबंध नहीं है। मोनिका के जाने से गोंडवाना आंदोलन न रुका है न ही रुकेगा।

छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ था गोंडवाना का सफर

बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के निवासी दादा हीरा सिंह मरकाम ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठन किया था। वे अखंड मध्यप्रदेश में एक बार विधायक भी निर्वाचित हुए। कालांतर में गोंगपा का छत्तीसगढ़ में तो खास वजूद नहीं रहा मगर एमपी में गोंगपा का खासा असर देखा गया और इस पार्टी से कई विधायक भी निर्वाचित हुए। हालांकि गोंगपा में भी विभाजन हो गया और भारतीय गोंडवाना पार्टी का गठन हुआ। अब इस पार्टी की प्रमुख के BJP में चले जाने का पुराने संगठन पर क्या असर पड़ेगा यह देखना अभी बाकी है।