Chhattisgarh Assembly election 2023 : महासमुंद की सरायपाली विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला बराबरी का रहा है। यानी दो बार इस विधानसभा में बीजेपी और दो बार कांग्रेस ने जीत का परचम लहराया है। बीजेपी ने इस बार सरायपाली से सरला कोसरिया को टिकट दिया है।

जानें कौन हैं सरला कोसरिया

सरला कोसरिया पूर्व राज्यसभा सांसद रेशमलाल जांगड़े की छोटी बेटी हैं। सरला कोसरिया वर्ष 2016 से भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर हैं। सरला कोसरिया साल 2010 से 2015 तक महासमुंद जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। पार्टी के प्रति निष्ठावान और प्रखर वक्ता के रूप में जानी जाती हैं।

मतदाताओं की स्थिति

मतदाताओं की संख्या देखी जाए तो 1 लाख 98 हजार 930 मतदाता मौजूद हैं। जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या 99 हजार 864 हैं। वहीं 99 हजार 36 महिला मतदाता हैं।

सरायपाली विधानसभा का इतिहास

यहां कांग्रेस तो कभी बीजेपी के प्रत्याशी को जीत मिलती रही है। राज्य बनने के बाद 2003 के चुनाव में यहां बीजेपी के त्रिलोचन पटेल ने कांग्रेस के देवेंद्र बहादुर को हरा कर कांग्रेस को झटका दिया था। इसके बाद एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की जीत का ट्रेंड चला। 2008 से पहले यह सीट सामान्य थी।

सरायपाली के मुख्य मुद्दे और समस्याएं

बागबाहरा से बरगढ़ को रेल लाइन से जोड़ने की बात 5 दशकों से चल रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही इस मुद्दे को समय-समय पर उठाया है। 2012 में सर्वे के लिए बजट में भी शामिल किया गया। लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ। ग्रामीण सड़कों की हालत इतनी खराब है कि बड़े बड़े गड्ढे साफ नजर आते हैं। कई स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। उच्च शिक्षा का भी बुरा हाल है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी किसानों को नहीं मिलता।

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