Chhattisgarh Assembly Election 2023 : राजनांदगांव जिले का खुज्जी विधानसभा कांग्रेस का गढ़ माना जाने लगा है. पिछले तीन विधानसभा चुनाव से यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है. लगातार कांग्रेस प्रत्याशी यहां से जीतते आ रहे हैं. मौजूदा समय में यहां कांग्रेस की छन्नी चंदू साहू विधायक हैं. इस बार बीजेपी ने इस विधानसभा से गीता घासी साहू को टिकट दिया है.ताकि सामाजिक वोटर्स को साधा जा सके.
कौन हैं गीता घासी साहू
गीता घासी साहू वर्तमान में अभी राजनांदगांव जिला पंचायत की अध्यक्ष है. उनके पति भी बीजेपी के सक्रिय नेता हैं. गीता घासी साहू की राजनीति सफर की बात की जाए तो उनका सफर ज्यादा लंबा नहीं है, उन्होंने करीब तीन साल पहले अपने रजीनितक करियर की शुरुआत की है. हालांकि इन तीन सालों में गीता घासी साहू ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन, धरना प्रदर्शन अन्य गतिविधियों में सक्रिय रही है.
खुज्जी विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति
राजनांदगांव जिले का खुज्जी विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 190,861 है. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 93169 और महिला मतदाताओं की संख्या 94113 है. इसमें से युवा मतदाताओं की संख्या 3579 है. विधानसभा सीट में जातिगत समीकरण की बात करें तो आदिवासी,साहू और कलार (सिन्हा) समाज का यहां प्रमुख भूमिका रही है. इसके साथ ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण आदिवासी समाज की भी निर्णायक भूमिका यहां चुनाव में होती है.
खुज्जी विधानसभा का इतिहास
यहां के अधिकतर आबादी वनांचल क्षेत्रों में निवास करती है. ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र होने के कारण यहां विधानसभा क्षेत्र और प्रमुख हो जाता है. लगातार कांग्रेस का कब्जा इस विधानसभा सीट में रहा है. 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के जमुना देवी ठाकुर को हराया था. वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस से भोलाराम साहू ने विधानसभा चुनाव लड़ा और निर्दलीय प्रत्याशी रहे रजिंदर पाल भाटिया को हराकर विधानसभा चुनाव में जिताया. वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से छन्नी साहू ने जीत दर्ज की और भाजपा के हीरेंद्र साहू को हराकर यह विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में लाईं.
खुज्जी का जातिगत समीकरण
खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक आबादी आदिवासी समाज की है. वनांचल क्षेत्र होने के कारण आदिवासी समाज के वोटर्स इस विधानसभा सीट में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इसके साथ ही सिन्हा कलार समाज के वोटर भी इस विधानसभा सीट में प्रत्याशी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. आदिवासी और ओबीसी फैक्टर को देखते हुए टिकट वितरण के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण निर्णय विधानसभा सीट को लेकर लेते हैं. जिसका फायदा प्रत्याशियों को मिलता है. आदिवासी, सिन्हा, कलार,यादव,साहू और अन्य समाज का जातीय समीकरण होने के कारण जीत का अंतर इन्हीं से तय होता है.
खुज्जी विधानसभा के मुद्दे :
विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे रोजगार,सड़क बिजली हैं. इस विधानसभा सीट में कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस शुरू से ही इस पर पकड़ बनाए हुए चली आ रही है. वर्तमान में कांग्रेस विधायक विधानसभा में है इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्र होने के कारण वनांचल इलाकों में भी विकास हो इसको लेकर जनता वोट करेगी.स्थानीय लोगों को रोजगार, साफ पानी, वनांचल क्षेत्र में उद्योग जैसे मुद्दे चुनाव में हावी रहेंगे.
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