मनेंद्रगढ़। BPL राशन कार्ड के चलते चर्चा में आये भरतपुर सोनहत विधानसभा के कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो मनेंद्रगढ़ विकासखंड के साल्ही ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं। यहां के गरीबी रेखा राशनकार्ड धारियों में विधायक गुलाब कमरो की पत्नी लीलावती के नाम से भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के तहत नीला राशन कार्ड बना है। विधायक की पत्नी के नाम से बने राशनकार्ड में सम्मलित सदस्यों में विधायक गुलाब कमरो व उनकी दोनों बेटी अंजली व निशा का भी नाम शामिल है।

भूमि होते हुए भी बताया था भूमिहीन

विधायक गुलाब कमरो की पत्नी के नाम पर राशनकार्ड भूमिहीन कृषि परिवार के तौर पर जारी हुआ है, जबकि विधायक गुलाब कमरो के नाम पर ग्राम साल्ही में कृषि भूमि व अन्य भूमि भी हैं। जिसका हवाला उन्होंने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के शपथपत्र में दिया था। इसका मतलब विधायक के परिवार ने राशन कार्ड बनवाते समय झूठी जानकारी दी थी।

महिलाओं के नाम पर ही बनता है राशन कार्ड

छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार ने महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए उनके नाम पर ही राशन कार्ड बनाने की परंपरा शुरू की थी। तब से किसी भी नए कार्ड में मुखिया के स्थान पर महिला का नाम और सदस्यों में पुरुष/पति और अन्य सदस्यों का नाम दर्ज किया जाता है। बताया जाता है कि विधायक बनने गुलाब सिंह कमरो कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ ही RTI कार्यकर्त्ता के तौर पर अपने इलाके में एक्टिव थे। भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के तहत उनका नीला राशन कार्ड बना है। इस राशन कार्ड से उनके विधायक बनने के बाद भी हर माह राशन कार्ड पर सस्ते राशन का आबंटन भी होता था।

विधायक बनने के बाद राशनकार्ड का कराया नवीनीकरण

MCB जिले के खाद्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक गुलाब सिंह कमरो ने सन 2018 को चुनाव जीतकर विधायक बनने के बाद अपने BPL राशन कार्ड का नवीनीकरण भी कराया था। तब कांग्रेस की सरकार ने 2019 में राशनकार्डों के नवीनीकरण का अभियान भी चलाया था।

अपवर्जन के नियम को शिथिल करने का उठाया लाभ

दरअसल कांग्रेस की सरकार के आने के पूर्व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के कार्ड के तहत “अपवर्जन” का नियम भी बनाया गया था जिसके तहत अगर किसी BPL परिवार के INCOME TAX देने या फिर BPL के दायरे से बाहर होने की जानकारी मिलती तो खाद्य विभाग को उसका BPL राशन कार्ड निरस्त करने का अधिकार था मगर कांग्रेस सरकार ने राजपत्र प्रकाशित कर “अपवर्जन” के इस नियम को शिथिल कर दिया, इसके बाद अगर BPL परिवार से कोई बड़ा अधिकारी भी बन जाये तो उसका BPL राशन कार्ड निरस्त नहीं किया जा सकता। इसी नियम का लाभ गुलाब सिंह कमरो जैसे लोग उठा रहे हैं।

नाम निरस्तीकरण के बाद पता चला विभाग को

दरअसल विधायक गुलाब कमरो के राशन कार्ड में उनका नाम गुलाब सिंह लिखा हुआ है, जिससे यह कार्ड उनका है इसका पता किसी को नहीं चला। आचार संहिता लागु होने के बाद जब विधायक की पत्नी के नाम BPL राशन कार्ड होने का किसी ने खुलासा किया तभी इस परिवार ने तत्काल एक आवेदन खाद्य विभाग में लगाते हुए राशन कार्ड निरस्त करने का अनुरोध किया। इसे देखते हुए विभाग ने राशन कार्ड को निरस्त कर दिया। बाद में जब यह मामला मीडिया में सुर्खिया बना तब खाद्य विभाग के अधिकारियों को पता चला कि कार्ड में जिस सदस्य का नाम गुलाब सिंह लिखा हुआ है वह कोई और नहीं विधायक गुलाब सिंह कमरो हैं।

इस मामले के उजागर होने के बाद गुलाब कमरो के विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों का कहना है कि विधायक बनने के बाद तो गुलाब सिंह कमरो तो कम से कम अपना BPL कार्ड निरस्त करवा देना था। वे ऐसा करने की बजाय गरीबो के हक़ का राशन खाते रहे। विधायक बनने के बाद सरकार वैसे भी इन्हे तगड़ा मानदेय देने के साथ ही तमाम सुविधाएं देती है।

BPL कार्ड को लेकर शुरू हुई सियासत

इस मामले को लेकर इलाके में सियासत भी शुरू हो गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री व सांसद और भरतपुर सोनहत विधानसभा प्रत्याशी रेणुका सिंह ने इस मामले को लेकर विधायक गुलाब कमरो पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब उनकी चोरी और बेईमानी पकड़ी गई, तब उन्होंने अपनी पत्नी और अपने परिवार के राशन कार्ड को निरस्त कराया है। ये उनकी सबसे बड़ी हार है। रेणुका सिंह ने कहा “17 नवंबर को जनता उनको सजा भी देगी और जवाब भी देगी।”