नई दिल्ली: दिल्ली में कारों के लिए ऑड-ईवन का फॉर्म्युला लागू होने जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर की हवा में लगातार जहरीले प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर यह फैसला लिया गया हैं। इससे पहले सरकारी स्कूलों एवं निर्माण कार्य पर रोक लगाई जा चुकी है। दुखद बात यह है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में सर्दियां आते ही हवा जहरीली होने लगती हैं, लेकिन प्रदूषण की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जा सकता है। हां, इस मुद्दे पर राजनीति खूब होती है। सरकार और विपक्ष में तू-तू, मैं-मैं होती और फिर वही सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसी संस्था और सरकार का पर्यावरण मंत्रालय की बैठकें होती हैं और फैसले लिए जाते हैं। इसी क्रम में सोमवार को पर्यवारण मंत्री गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली में एक सप्ताह के लिए ऑड-ईवन सिस्टम लागू सिस्टम लागू किया जाएगा। आइए जानते हैं कि दिल्ली में क्या-क्या बंद है…

➤ पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया है कि दिल्ली में ऑड-ईवन का फॉर्म्युला अभी लागू नहीं किया गया है, उसे अगले स्प्ताह से लागू किया जाएगा। यानी 13 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्म्युले से गाड़ियां चलेंगी। इस फॉर्म्युले के तहत जिन गाड़ियों के नंबर का आखिरी अंक 0, 2, 4, 6 और 8 हैं, वो ईवन डे को चलेंगी जबकि आखिर में 1, 3, 5, और 7 नंबर वाली गाड़ियां ऑड डे में चलेंगी। यानी 13, 15, 17 और 19 नवंबर को दिल्ली में वही गाड़ियां चलेंगी जिनके नंबर का आखिरी अंक 1, 3, 5 और 7 है। जिन गाड़ियों के नंबर के आखिर में 0, 2, 4, 6 या 8 में से कोई नंबर है, वो 14, 16, 18 और 20 नवंबर को चलेंगी।

➤ दिल्ली सरकार ने रविवार को ही ऐलान कर दिया था कि सभी प्राइमरी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे। शिक्षा मंत्री आतिशी मर्लेना ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि कक्षा 6 से 12 तक के विद्यालयों को ऑनलाइन क्लास लेने का ऑप्शन दिया गया है। यानी, वो चाहें तो 10 नवंबर तक बच्चों को स्कूल नहीं बुलाकर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाएं। इसकी व्यवस्था कोविड महामारी के दौरान हो ही गई थी, इसलिए इसमें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। सरकार ने छठी से 12वीं क्लास तक के स्कूल बंद रखने का फैसला इसलिए नहीं किया क्योंकि अभी कुछ कक्षाओं की परीक्षाएं चल रही हैं। इस कारण उन्हें विकल्प दिया गया है।

➤ दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि चूंकि प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है, इसलिए सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाती है। दरअसल, कंस्ट्रक्शन वर्क के दौरान धूल, मिट्टी, सिमेंट, बालू के कण हवा में मिल जाते हैं, इस कारण हवा तेजी से गंदी होती जाती है।

➤ फ्लाइओवर्स, ओवर ब्रिजेज और पावर ट्रांसमिशन पाइप लाइन्स में तोड़-फोड़ के काम पर भी पाबंदी लगी है।

➤ इसी तरह, प्रदूषण फैलाने वाला ट्रकों समेत सभी कर्मशियल चार पहिया वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर भी पाबंदी लगी है।

➤ बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों के परिचालन पर रोक लगी है।

दरअसल, केंद्र सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत दिल्ली में चार दिन पहले ही ग्रैप 4 के नियम लागू कर दिए गए हैं। दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) के 450 अंक पार करने के साथ ही ग्रैप 4 लागू किए जाने का ऐलान कर दिया गया। बावजूद इसके प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिल रही है। अभी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का ऐसा हाल है कि बिना मास्क के बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं है। यहां तक कि घर के अंदर भी आंखों में जलन महसूस की जा रही हैं।

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