जगदलपुर। बस्तर के नगरनार में NMDC द्वारा निर्मित इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट अपने शुरूआती दौर में ही जहरीला पानी उगलने लगा है। यह गंदा और विषैला पानी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। आलम यह है कि एनएमडीसी स्टील प्लांट से निकल रहा गंदा पानी पूरी की पूरी खड़ी फसल को बर्बाद कर चुका है। किसान कह रहे हैं कि अब हम करें तो करें क्या, बैंकों से लोन लेकर उगाई गई फसल नहीं बेच पाए तो आत्महत्या के सिवाय और कुछ नहीं बचता है।

PM ने किया था प्लांट का उद्घाटन

नगरनार में NMDC ने 24 हजार करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट बनवाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन किया था। अब प्रोड्क्शन भी शुरू हो गया है। विगत कुछ माह से प्लांट के अदंर से काला, गंदा और ऑयल युक्त पानी निकलकर खेतों तक जा रहा है, जिससे खड़ी धान की फसल पूरी तरह से सड़ने लगी है। गंदा काला पानी की वजह से धान की बालियां पूरी तरह से सड़ने लगी हैं। कुछ खेतों में धान की कटाई भी की जा चुकी है, लेकिन उन फसलों को उठाते ही बालियां झड़कर गिर रही हैं।

किसानों के लिए जीवन और मौत का सवाल

अपनी खड़ी फसल को बर्बाद होता देख किसान काफी परेशान हैं। दरअसल किसानों ने हर बार की तरह जिला सहकारी बैंक से कर्ज लेकर फसल बोई थी, लेकिन अब उनकी आस टूटती नजर आ रही है। नगरनार प्लांट से इंद्रावती नदी तक करीब 200 एकड़ खड़ी फसलों में प्लांट से निकले गंदे पानी ने पूरी की पूरी फसाल बर्बाद कर दी है। किसान सिर पर हाथ रख इस चिंता में है कि अब वे लिए गए कर्ज को कैसे चुकाएंगे, घर-परिवार कैसे चलेगा।

सरकार से मदद की आस

इलाके के किसानों का कहना है कि खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। अब सरकार की तरफ नजरें टिकी हैं। सरकार भी अगर मदद नहीं करती है, तो सिवाय आत्महत्या के उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा है।

मामले की जांच कराएंगे कलेक्टर

किसानों का कहना है कि करीब 7 सालों से नगरनार प्लांट के अंदर से मटमैला पानी खेतों तक आ रहा था, मगर उससे फसलों को कोई नुकसान नहीं होता था। अब नगरनार प्लांट के अंदर से काला, गंदा, बदबूदार और ऑयल युक्त पानी के बहकर आने से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों के मुताबिक, इस पानी से लोगों को तरह-तरह की चर्म से संबंधित बीमारियां भी हो रहीं हैं। ग्राम सरपंच का कहना है कि सैकड़ों बार प्रशासन को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकाला गया है, जिससे किसानों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। इधर, बस्तर कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेकर जांच कराने की बात कही है।