0 ट्रेनिंग लेने वालों में 80 साल के बुजुर्ग और एक मृतक भी शामिल..!
0 RTI से मिले दस्तावेज से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

सरगुजा। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार कौशल विकास योजना के तहत उनके रोजगार सहित उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन इन्हे सरकारी योजनाओं का लाभ कागजों पर ही मिलता दिखाई दे रहा है। सरगुजा में इलेक्ट्रीशियन ट्रेंनिग के नाम पर 9 लाख 58 हजार 500 रुपए की राशि राज्य समन्वयक, ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान नामक एनजीओ द्वारा डकार लिया गया है। इस मामले की जांच पूरी कर लेने के बाद NGO को नोटिस जारी किया गया है।

RTI से हुआ मामले का खुलासा

यह सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम घोघरा से जुड़ा है जहां पहाड़ी कोरवाओं को एनजीओ के माध्यम से इलेक्ट्रीशियन की ट्रेनिंग 2019-20 में दी गई। इस ट्रेनिंग का उद्देश्य था कि 18 वर्ष से 40 वर्ष तक के पहाड़ी कोरवाओं को इलेक्ट्रिशियन की ट्रेनिंग देकर उन्हें स्वरोजगार मुहैया कराना। इस प्रशिक्षण में गड़बड़ी होने की जानकारी मिलने पर जिले के RTI कार्यकर्ता ए एन पाण्डेय ने सूचना के अधिकार के तहत प्रशिक्षण से जुड़े दस्तावेज निकाले।

ए एन पाण्डेय ने गांव पर जाकर वस्तुस्थिति का पता लगाया तब जानकारी हुई कि 27 पहाड़ी कोरवाओं को महज 3 दिनों की ट्रेनिंग के बाद प्लास, पेचकस सहित विद्युत उपकरण जोड़ने संबंधी किट दिए गए। इस दौरान इन्हें खाने के तौर पर तीन-तीन समोसे भी दिए गए और उन्हें एनजीओ के द्वारा यह भी कह दिया गया कि आपकी ट्रेनिंग पूरी हो गई।

0 RTI कार्यकर्ता ए एन पाण्डेय

प्रशिक्षुओं में बुजुर्ग और मृतक..!

हकीकत का पता लगने के बाद RTI कार्यकर्त्ता ने मामले की शिकायत कलेक्टर सरगुजा से की। ए एन पाण्डेय ने बताया कि जिनके नाम पर सरकार ने योजना के माध्यम से लाखों रुपए दिए, उन्हें आज इलेक्ट्रिशियन का काम तक नहीं आता, वहीं NGO को इस काम में इतनी जल्दबाजी थी कि मृत कोरवा और बुजुर्गों को भी ट्रेनिंग में शमिल कर लिया। पांडेय ने प्रशिक्षकों की सूची में ऐसे लोगों के बारे में भी जानकारी दी।

प्रशासनिक टीम को सौंपा जांच का जिम्मा

विकासखंड बतौली के घोघरा, गोविंदपुर और सल्याडीह में 27 पहाड़ी कोरवाओं को इलेक्ट्रीशियन प्रशिक्षण के नाम पर नौ लाख 58 हजार रुपये की घोटाला होने की शिकायत बाद संबंधित अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस मामले को लेकर कलेक्टर ने जांच समिति बनाई गई, जिसमें एएल ध्रुव, अपर कलेक्टर, डीपी नागेश सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास, ललित पटेल, जिला रोजगार अधिकारी को शामिल किया।

जांच दल ने घोघरा, गोविंदपुर, सल्याडीह में पहाड़ी कोरवा परिवारों को इलेक्ट्रीशियन प्रशिक्षण संबंधित शिकायत की जांच मौका स्थल पर की और प्रशिक्षण प्राप्त हितग्राहियों के मौखिक और लिखित बयान लिए।

0 प्रशिक्षण में इन बुजुर्गों को किया शामिल..!

सरपंचों ने कहा- तीन दिन हुआ प्रशिक्षण

ग्राम पंचायत घोघरा के सरपंच बहाल राम, गोविंदपुर के सरपंच वीर विजय मिंज ने कहा कि तीन दिन का प्रशिक्षण हुआ। सरपंचों ने आगे कहा कि उन्हें संतुष्टि प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर करने के लिए जनपद पंचायत बतौली में बुलाया गया था। वही पर हम तीनों सरपंचों से हस्ताक्षर कराए गए। एनजीओ के माध्यम से पेंशन पाने वाली बुजुर्ग महिला व पुरुषों को भी इलेक्ट्रिशियन का ट्रेनिंग दस्तावेजों पर दे दिया गया है।

“ड्राइविंग प्रशिक्षण” में भी हुई अफरा-तफरी

विकासखंड बतौली के कोरवाओं को इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण देने के साथ ही लुंड्रा ब्लॉक में चयनित कोरवाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया गया। यहां भी ट्रेनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति करने की शिकायत RTI कार्यकर्त्ता ने की है। इस प्रशिक्षण में भी 9 लाख 45 हजार रूपये खर्च किये गए हैं। मामले की जांच के बारे में फ़िलहाल कोई भी जानकारी नहीं मिली है।

कलेक्टर ने जारी किया नोटिस

इलेक्ट्रीशियन प्रशिक्षण के नाम पर की गई हेराफेरी की जांच रिपोर्ट मिलने पर कलेक्टर सरगुजा ने NGO “ग्रामीण साक्षरता सेवा संस्थान” के संचालक थबीरो राम बारीक को नोटिस जारी कर प्रशिक्षण की पूरी रकम 9 लाख 58 हजार रूपये वापस करने को कहा है।

पुलिस के सुपुर्द होगा मामला..?

बता दें कि कौशल विकास के नाम पर इसी तरह का फर्जीवाड़ा जांजगीर जिले में हुआ था, जहां कोर्ब जिले के एक NGO द्वारा फाइलों में महिला समूहों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दे दिया। मामले की जांच के बाद पैसे की वसूली के साथ ही NGO संचालकों के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज कराई गई और फिर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार भी किया।

सरगुजा में हुए प्रशिक्षण घोटाले की शिकायत पुलिस में भी की गई है। इस मामले में प्रशासन की ओर से FIR के आदेश भी दिए जायेंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है।