रायपुर। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स नाम की संस्था ने छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के 2023 के विधानसभा चुनाव में जीते विधायकों के खर्च का विश्लेषण किया है। इसमें 90 में 88 सीटों के आंकड़े हैं, जबकि दो विधायकों की जानकारी चुनाव आयोग की वेबसाइट से ठीक से नहीं मिल पाने की वजह से इनके विश्लेषण में शामिल नहीं हैं।

11 फीसदी ने आधा भी नहीं किया खर्च

रिसर्च के मुताबिक 88 विधायकों में से 10 विधायक (11 फीसदी) ऐसे हैं जिन्होंने 40 लाख रूपए की खर्च सीमा के आधे से भी कम खर्च बताया है। इस चुनाव में औसत खर्च अधिकतम सीमा का 68 फीसदी ही हुआ है, जो कि 27.11 लाख रूपए है।

भाजपा-कांग्रेस के विधायकों ने इतने किये खर्च

पार्टियों के हिसाब से देखें, तो भाजपा के 53 विधायकों ने औसत 28.48 लाख रूपए खर्च किए हैं जो कि खर्च सीमा के 71.2 फीसदी है।

कांग्रेस के 34 विधायकों ने औसत 25.34 लाख खर्च किए हैं जो कि खर्च सीमा का 63.4 फीसदी है। और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अकेले एमएलए ने 14.36 लाख रूपए खर्च किए हैं जो कि खर्च सीमा का 35.9 फीसदी है।

सर्वाधिक खर्च करने वाले ये हैं 3 विधायक

सबसे अधिक खर्च वाले तीन विधायकों के नाम इस तरह हैं- अनिला भेंडिया, कांग्रेस, डौंडीलोहारा, खर्च सीमा का 96 फीसदी। दीपेश साहू, भाजपा, बेमेतरा, खर्च सीमा का 95 फीसदी। दयालदास बघेल, भाजपा, नवागढ़, खर्च सीमा का 92 फीसदी।

दोबारा विधायक बने रामकुमार ने केवल 7% किया खर्च

सबसे कम खर्च वाले विधायकों में पहले नंबर पर रहे – कांग्रेस के रामकुमार यादव, जो चन्द्रपुर विधानसभा से लाडे और कुल 2 लाख 65 हजार रूपये खर्च किया, जो खर्च सीमा का 7 फीसदी रहा। इसी तरह शेषराज हरबंश, पामगढ़, 12 लाख, खर्च सीमा का 31फीसदी। इन्द्र कुमार साव, भाटापारा, 12 लाख, खर्च सीमा का 31 फीसदी।