जगदलपुर। बस्तर लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए मिले टिकट को लेकर कवासी लखमा की टिप्पणी ने एक बार फिर उन्हें चर्चा में ला दिया है। अपने निराले अंदाज के साथ ही अपने बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कवासी लखमा ने मंच से कहा की बस्तर लोकसभा से मुझे टिकट न देते हुए बस्तर के बड़े नेता दीपक बैज को देना था, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “मैं तब भी बोल रहा था, मेरे बेटे को टिकट दो….मैं अपने बेटे के लिए डोकी (दुल्हन) मांगने गया, डोकी मुझे सौंप दिया…” लखमा की इस बात से सबकी हंसी छूट गई।

कांग्रेस पार्टी द्वारा जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित नामांकन सभा को संबोधित करते हुए कवासी लखमा ने बेहद अलग अंदाज में कहा-मैं तो अपने बेटे के लिए बहू तलाशने गया था, लेकिन पार्टी ने मुझे ही दुल्हन सौंप दी। कवासी लखमा के इस बयान के बाद सभा में मौजूद सभी नेताओं ने ठहाके लगा दिए।

लोकसभा चुनाव के प्रबल दावेदार माने जा रहे पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को टिकट न देते हुए बस्तर लोकसभा से कांग्रेस ने कोंटा विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके कवासी लखमा को प्रत्याशी बनाया। टिकट मिलने से पहले तक कवासी लखमा दिल्ली तक पहुंच गए थे। कवासी लखमा का विचार था कि कांग्रेस पार्टी उनके बेटे सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी को लोकसभा चुनाव का टिकट दे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने काफी मंथन के बाद लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में कवासी लखमा को ही प्रत्याशी घोषित किया है।

सभा को सम्बोधित करते हुए कवासी लखमा ने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को पार्टी का सबसे बड़ा नेता बताया। कवासी लखमा को इस बात का अंदाजा है कि अगर उन्हें लोकसभा चुनाव में अपनी जीत को दर्ज करना है तो उन्हें बस्तर से दीपक बैज के समर्थकों को भी साथ लेकर चलना होगा। कवासी लखमा ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया है कि दीपक बैज पीसीसी अध्यक्ष है, साथ ही प्रदेश के सबसे बड़े नेता है और उनकी जिम्मेदारी 11 लोकसभा सीट जीतने की होगी।
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