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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी होने के नाते रायपुर लोकसभा सीट महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाती है। रायपुर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है। भाजपा को इस सीट पर 8 बार जीत मिली है। बीजेपी के दिग्गज नेता रमेश बैस सात बार इस सीट से सांसद रह चुके हैं। वर्तमान में बीजेपी के सुनील सोनी सासंद हैं।

रायपुर संसदीय क्षेत्र में पिछले 20 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। बता दें कि वर्ष 1952 में यह सीट पहली बार अस्तित्व में आई थी। साल 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। बाकी के कुछ सालों को छोड़ दें तो करीब तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी कब्जा रहा है।

साल 1996 से 2019 तक रमेश बैस लगातार सांसद रहे। लोकसभा चुनाव 2014 में रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा को शिकस्त दी थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सोनी ने जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दुबे को हराया था।

इस बार पार्टी ने सीटिंग एमपी सुनीली सोनी का टिकट काटकर मौजूदा स्कूल शिक्षा मंत्री और 8 बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल को चुनावी मैदान उतारा हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव हार चुके विकास उपाध्याय को प्रत्याशी बनाया है।

बीजेपी ने रायपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद सुनील कुमार सोनी का टिकट काटकर उनकी जगह 8 बार के विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्य प्रदेश में पटवा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी मिल चुका है। साल 1977 में बृजमोहन ने मात्र 16 साल की उम्र में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी। इसके बाद वर्ष 1981 और 1982 के दौरान वे छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। 1984 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। फिर 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री रहे। साल 1990 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक के लिये निर्वाचित हुए। उस दौरान वो राज्य के सबसे युवा विधायक थे। इसके बाद वे लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 2018 और 2023 में विधायक बने।

विकास उपाध्याय पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2018 में वो पहली बार रायपुर पश्चिम से विधायक बने। तीन बार के बीजेपी विधायक रहे राजेश मूणत को हराया था। विकास उपाध्याय वर्ष 1998 में एनएसयूआई रायपुर जिले के ब्लॉक अध्यक्ष रहे। वर्ष 1999 में रायपुर जिले के एनएसयूआई जिला अध्यक्ष बने। साल 2004 में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने। साल 2006 में एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव बने। वर्ष 2009 में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव बनाए गये। साल 2010 में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बने। वर्ष 2013-2018 तक रायपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे।

बता दें कि रायपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत कुल नौ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें बलौदाबाजार, भाटापारा, धरसीवां, रायपुर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर दक्षिण, रायपुर शहर उत्तर, आरंग और अभनपुर विधानसभा सीट शामिल हैं। इन नौ सीटों पर वर्तमान में बीजेपी विधायकों का कब्जा है।

रायपुर लोकसभा सीट पर एससी और ओबीसी की बहुलता है। साहू, कुर्मी और सतनामी समाज के वोटर्स बड़े पैमाने पर हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इन तीनों जातियों के वोटर्स की संख्या 8 लाख से ज्यादा है। साल 2011 जनगणना के मुताबिक, इस सीट पर 3.6 लाख से अधिक अनुसूचित जाति (ST) के वोटर हैं जबकि अनुसूचित जनजाति (ST) वोटर्स की संख्या 1.28 लाख के करीब हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 88 हजार के करीब हैं। इस सीट पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे और 4 जून को नतीजे आएंगे। रायपुर लोकसभा सीट पर करीब 20,46,014 वोटर्स हैं। इनमें 10,39,867 पुरुष मतदाता हैं जबकि 10,05,871 महिला वोटर्स हैं।

जानें कब-कब किसने जीता रायपुर का चुनावी रण

1952-भूपेन्द्र नाथ मिश्रा- कांग्रेस
1957- बीरेंद्र बहादुर सिंह- कांग्रेस
1962-केशर कुमारी देवी -कांग्रेस
1967- लखन लाल गुप्ता -कांग्रेस
1971- विद्याचरण शुक्ल- कांग्रेस
1977- पुरूषोत्तम कौशिक – जनता पार्टी
1980- केयूर भूषण-कांग्रेस
1984- केयूर भूषण-कांग्रेस
1989- रमेश बैस- बीजेपी
1991- विद्याचरण शुक्ल-कांग्रेस
1996- रमेश बैस- बीजेपी
1998- रमेश बैस- बीजेपी
1999 -रमेश बैस- बीजेपी
2004 -रमेश बैस- बीजेपी
2009 -रमेश बैस- बीजेपी
2014 – रमेश बैस- बीजेपी
2019 -सुनील कुमार सोनी- बीजेपी