रायपुर। नगर पालिक निगम रायपुर के मेयर सहित लगभग 65 जनप्रतिनिधि एवं नगर निगम के अधिकारी 6 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर बैंगलोर महानगर पालिका एवं मैसूर नगर निगम की यात्रा पर रवाना हो गए। इस कथित टूर को लेकर जब सवाल उठने लगे तो कई जन प्रतिनिधियों ने अपनी यात्रा कैंसिल कर दी।

यात्रा को लेकर महापौर ने क्या कहा…
इस शैक्षणिक भ्रमण को लेकर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि यात्रा के दौरान सभी जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी बैंगलोर महानगर पालिका एवं मैसूर नगर निगम द्वारा संचालित उत्कृष्ट परियोजनाओं, स्मार्ट सिटी के अनेक प्रकार के योजनाओं के साथ-साथ राजस्व वसूली एवं साफ-सफाई से संबंधित कार्य प्रणाली का अध्ययन करेंगे। इस दौरान परियोजनाओं को विस्तृत प्रजेंटेशन के साथ-साथ कार्यस्थल पर देखने का मौका मिलेगा जिससे नगर निगम रायपुर की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा सकेगा।
पिछले अनुभवों के चलते टूर से किया किनारा
रायपुर नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग बढ़ाने के लिए दो साल पहले शैक्षणिक भ्रमण के लिए इंदौर, दिल्ली और चंडीगढ़ घूमने महापौर, सभापति व पार्षदों का दल गया था। इस बार 6 अगस्त को बंगलुरू, मैसूर व ऊटी के शैक्षणिक टूर पर महापौर सहित 56 पार्षदों का दल रवाना हुआ। इस टूर से सभापति प्रमोद दुबे ने तौबा कर ली है। वहीं भाजपा-कांग्रेस के सीनियर पार्षदों और नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने भी टूर कैंसिल कर दिया है।

खर्च को लेकर हुआ था विवाद
गौरतलब है कि पिछले टूर के दौरान इंदौर, दिल्ली व चंडीगढ़ के थ्री स्टार होटलों में रुकने, एसी बस में घूमने और फ्लाइट से आने- जाने पर हुए खर्च को लेकर जमकर बखेड़ा हुआ था। तत्कालीन निगम आयुक्त प्रभात मलिक ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए अतिरिक्त फंड जारी करने से इंकार कर दिया था। इस बार भी ट्रेन में फर्स्ट क्लास व सेकंड क्लास की पात्रता के बावजूद फ्लाइट में बुकिंग की अतिरिक्त राशि को लेकर मामला गरमा रहा है। इस पर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा का कहना है कि जिसकी जो पात्रता है, नियमानुसार उसी के आधार पर फंड जारी होगा। इसके बाद अतिरिक्त राशि का इंतजाम कहां से होगा, वे नहीं जानते।
पिछले टूर के बाद भी रैंकिंग में नहीं हुआ सुधार
भाजपा पार्षद दल के प्रवक्ता मृत्युंजय दुबे ने इस शैक्षणिक भ्रमण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी बारिश में जलभराव की स्थिति शहर में बनी हुई है। स्वच्छता सर्वे की टीम भी आने वाली है। ऐसे समय में दूसरे शहर शैक्षणिक भ्रमण करने के लिए जाना केवल शासन के पैसे की बर्बादी है। उन्होंने महापौर से सवाल करते हुए कहा कि दो साल पहले जब सफाई देखने ऐसे ही शैक्षणिक भ्रमण किया गया था, उसके बाद रायपुर की रैंकिंग सुधरने के बजाय और भी बिगड़ गई। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।
गौर करने वाली बात यह है कि इस टूर में कई महिला और पुरुष पार्षद सपरिवार जा रहे हैं। ऐसे में पार्षद पति या पार्षद पत्नी का खर्चा कौन देगा? हालांकि कहा जा रह है कि इसमें यदि महिला पार्षद के साथ उनके पति टूर पर जाएंगे तो उनका सारा खर्च उनको स्वयं उठाना पड़ेगा। यही स्थिति पार्षद पत्नी के साथ भी रहेगी। अगर वे अपनी पत्नी को इस टूर का हिस्सा बना रहे हैं तो उनका सारा खर्च उन्हें स्वयं करना होगा।
निगम के अधिकारियों के मुताबिक राज्य शासन से इस शैक्षणिक भ्रमण के लिए अनुमति का इंतजार पिछले एक साल से चल रहा था। अभी जाकर अनुमति मिली है, लेकिन इसमें शासन कोई फंड नहीं देता। इस टूर पर होने वाले नियमानुसार समस्त खर्च की जिम्मेदारी नगर निगम वहन करेगा।

महापौर का ‘गेटअप’ रहा चर्चा में…
इस शैक्षणिक भ्रमण के लिए आज सभी लोग फ्लाइट से बैंगलोर के लिए रवाना हुए। इस दौरान महापौर एजाज ढेबर का गेटअप काफी चर्चा में रहा। यहां मीडिया से चर्चा में ढेबर ने सफाई दी कि ऐसे दौरों से सभी कुछ न कुछ सीख कर ही आएंगे।
महापौर ढेबर ने नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे द्वारा ऐन मौके पर अपना टूर कैंसिल कर दिए जाने की काफी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मीनल ने टिकट बुक होने के बाद यात्रा कैंसिल कर दी जो कि अनुचित है।
बहरहाल महापौर और पार्षदों की टीम टूर पर रवाना हो चुकी है। देखना है कि उनके इस भ्रमण को क्या लाभ राजधानी के निवासियों को मिलता है। हालांकि यह भी एक सवाल है कि कुछ महीने बाद ही नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में इन सभी के कथित शैक्षणिक टूर पर जान का क्या औचित्य। इस सवाल के जवाब में महापौर ने बड़ी ही संजीदगी से कहा कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि हम अगली बार यहां नहीं होंगे। हममें से कई लोग अगली बार भी चुनाव जीतकर जनता की सेवा में हाजिर रहेंगे, और उनके अनुभवों का लाभ नगर निगम को होगा।