रायपुर । भारत सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के सम्मान में 23 अगस्त को आधिकारिक तौर पर “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया है, जिसके तहत ‘शिव शक्ति’ बिंदु पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई तथा 23 अगस्त, 2023 को प्रज्ञान रोवर को चंद्र सतह पर तैनात किया गया।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण उपलब्धियों को मान्यता देता है और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति को उजागर करता है। यह दिन छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि पैदा करके और उन्हें रोल मॉडल प्रदान करके भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए समर्पित है।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर के विज्ञान संकाय ने एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया, जिसमें पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के मूल विज्ञान केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी कांत चावरे ने विशेष अतिथि व्याख्यान दिया। विज्ञान संकाय की सहायक प्रोफेसर डॉ. सोहिनी भट्टाचार्य ने स्वागत भाषण दिया और उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. चावरे ने इस अवसर पर अतिथि व्याख्याता और संसाधन व्यक्ति दोनों के रूप में कार्य किया। उनके व्याख्यान में अंतरिक्ष अन्वेषण के विभिन्न पहलुओं, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों की संभावनाओं पर चर्चा की गई। उनकी अंतर्दृष्टि ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसमें कलिंगा विश्वविद्यालय के छात्र, संकाय सदस्य और कर्मचारी शामिल थे।

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का उत्सव, विश्वविद्यालय द्वारा अपने विद्यार्थियों में विज्ञान, विशेषकर रसायन विज्ञान और भौतिकी के क्षेत्र में गहरी रुचि पैदा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का एक हिस्सा था। इस कार्यक्रम ने छात्रों को समकालीन वैज्ञानिक मुद्दों और प्रगति से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान किया, जिससे उनकी शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को और अधिक प्रेरणा मिली।

डॉ. चावरे ने अंतरिक्ष अनुसंधान को आगे बढ़ाने में अंतःविषयक सहयोग के महत्व और अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य को आकार देने में युवा वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान में संभावित कैरियर के अवसरों पर भी प्रकाश डाला और छात्रों को इस रोमांचक क्षेत्र में अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम का समापन एक आकर्षक सत्र के साथ हुआ, जिसमें छात्रों और संकाय सदस्यों ने डॉ. चावरे से प्रश्न पूछे, जिससे उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की जटिलताओं और चमत्कारों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त हुई।
कलिंगा विश्वविद्यालय ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करके अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखता है, जो मूल्यवान शिक्षण अनुभव प्रदान करते हैं और छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक विषयों में नवीनतम रुझानों और शोध से अवगत कराते हैं। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 का उद्देश्य न केवल अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों का स्मरण करना है, बल्कि अगली पीढ़ी को सितारों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करना भी है।
कार्यक्रम के संयोजक रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ शिल्पी श्रीवास्तव और भौतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ आलोक वर्मा थे। कार्यक्रम के दौरान विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. आर. जयकुमार, गणित एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. जी.वी.वी.जे. राव, भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अविनाश सिंह, भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. गोपेश्वर धर द्विवेदी, भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर साध्वी सुमन दाश, भौतिकी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सोहिनी भट्टाचार्य, प्राणीशास्त्र विभाग की सहायक प्रोफेसर, बी.टेक. डिप्लोमा प्रथम सेमेस्टर के छात्र, बी.एससी. पीसीएम प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर, एम.एससी. भौतिकी एवं रसायन विज्ञान तृतीय सेमेस्टर के छात्र उपस्थित थे।

सत्र के बाद, विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. आर. जयकुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा तथा कार्यक्रम के सफल समापन के लिए विभाग और संकायों के प्रयासों की सराहना की।