टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले, ‘कैश फॉर वोट’ विवाद ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। महाविकास अघाड़ी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप लगाया है। इस घटना ने वसई-विरार क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

क्या हैं आरोप?

बहुजन विकास अघाड़ी (BVA) के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि विनोद तावड़े 5 करोड़ रुपये लेकर वसई-विरार आए थे, ताकि इन्हें मतदाताओं के बीच बांटा जा सके। कांग्रेस ने भी इस मामले पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें तावड़े को घेरने की बात कही गई है। इस विवाद के बाद मुंबई के विवांता होटल को सील कर दिया गया।

विनोद तावड़े की सफाई

इन आरोपों को खारिज करते हुए विनोद तावड़े ने कहा, मैं सिर्फ कार्यकर्ताओं से मिलने गया था। यह महाविकास अघाड़ी की साजिश है। उन्होंने कहा कि वह नालासोपारा के विधायकों के साथ चुनावी प्रक्रिया और आदर्श आचार संहिता से संबंधित चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा चुनाव आयोग और पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करें। मैं 40 साल से पार्टी में हूं, मेरा नाम गलत तरीके से घसीटा जा रहा है।

वहीं इस मामले में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि, चुनाव से एक दिन पहले नेता अपने बूथ प्रबंधन की तैयारी करते हैं। अगर विपक्ष के पास सबूत हैं, तो उन्हें चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए। यह विपक्ष की साजिश है, जो चुनाव से पहले भ्रम फैलाना चाहती है।

मामले की निष्पक्ष जांच की मांग

विनोद तावड़े और बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है। तावड़े ने विश्वास जताया कि सीसीटीवी फुटेज और जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। वहीं महाविकास अघाड़ी और बहुजन विकास अघाड़ी का कहना है कि यह मामला जनता के साथ विश्वासघात का है। विपक्ष ने चुनाव आयोग से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।