भोपाल। 26 जनवरी से पहले भोपाल की सेंट्रल जेल में एक ड्रोन कैमरा मिलने की घटना ने सुरक्षा प्रबंधों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह ड्रोन जेल की हाई-सिक्योरिटी बैरक से लगभग 200 मीटर दूर उस क्षेत्र में मिला, जहां नई बैरिक बनाई जा रही है। इस घटना के बाद जेल प्रशासन और भोपाल पुलिस हाई अलर्ट पर है।
जानें पूरा मामला
बुधवार को जेल के नवीन ब खंड में निर्माणाधीन हिस्से के पास हनुमान मंदिर के पीछे यह ड्रोन मिला। ड्यूटी पर तैनात प्रहरी सोनेवाल चौरसिया ने इसे देखा और तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। जेल अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे के अनुसार, ड्रोन पूरी तरह चार्ज था और उसमें कैमरा और रंग-बिरंगी लाइटें लगी थीं।
ड्रोन की जांच के दौरान उसमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गई। प्रारंभिक जांच में इसे चीन निर्मित खिलौना ड्रोन बताया गया है, लेकिन जेल की अति सुरक्षा वाले क्षेत्र में इसका पाया जाना गंभीर चिंता का विषय है।
कौन-कौन हैं जेल में बंद?
भोपाल सेंट्रल जेल में कुल 69 आतंकवादी बंद हैं, जो विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। इनमें शामिल हैं:
- सिमी के 23 सदस्य
- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 21 सदस्य
- हिज्ब उत तहरीर के 17 सदस्य
- आईएसआईएस के 4 सदस्य
- जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) के 4 सदस्य
इसके अलावा, 2008 अहमदाबाद ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाए दो आतंकी, साबित अब्दुल करीम मुस्लिम और कमरुद्दीन चांद मोहम्मद नागौरी, भी यहां बंद हैं।
ड्रोन के मिलने पर चिंता क्यों?
जेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह क्षेत्र हाई-सिक्योरिटी जोन है। ड्रोन का यहां तक पहुंचना सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक की ओर इशारा करता है। वहीं अब
जेल प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने ड्रोन की जानकारी उच्च अधिकारियों और खुफिया एजेंसियों को दी है। जांच के लिए ड्रोन को टेक्निकल स्टाफ को सौंपा गया है। खुफिया एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह ड्रोन जेल में कैसे और क्यों पहुंचा।
सुरक्षा पर सवाल
जेल में इतनी बड़ी संख्या में खतरनाक आतंकियों के बंद होने के बावजूद ड्रोन जैसी घटना ने सुरक्षा प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर किया है। अधिकारियों ने घटना को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा शुरू कर दी है।