Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। यह ‘मन की बात’ का 118वां एपिसोड था, जिसमें उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ, भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ, अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों और स्टार्ट-अप कल्चर पर अपने विचार साझा किए।

गणतंत्र दिवस की विशेषता
मन की बात के प्रारंभ में पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस के महत्व पर बात की। उन्होंने कहा, इस बार का ‘गणतंत्र दिवस’ बहुत विशेष है क्योंकि यह भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने संविधान सभा के उन महान नेताओं को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण किया, और डॉ. बी आर अंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद और शामा प्रसाद मुखर्जी के बयानों का जिक्र करते हुए संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला।
महाकुंभ: विविधता में एकता का उत्सव
पीएम मोदी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की बात करते हुए कहा कि इस महाकुंभ में अकल्पनीय दृश्य और समता-समरसता का संगम देखने को मिल रहा है। उन्होंने महाकुंभ को ‘विविधता में एकता का उत्सव’ बताया और कहा कि इस बार कुंभ में कई दिव्य योग बन रहे हैं, जो इसका महत्व और भी बढ़ा रहे हैं।
अंतरिक्ष में भारत का जलवा
प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों की अंतरिक्ष में उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि भारत ने अंतरिक्ष में सब्जियां उगाने की दिशा में सफलता प्राप्त की है। पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने अंतरिक्ष में लोबिया अंकुरित किया है, जिससे भविष्य में अंतरिक्ष में सब्जियां उगाने की संभावना पैदा हो सकती है। साथ ही, उन्होंने स्पेस डॉकींग एक्सरसाइज (SpaDeX) मिशन का उल्लेख किया, जिसके तहत भारत ने दो भारतीय सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक जोड़कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस मिशन के साथ, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है, जो अंतरिक्ष में Docking कर चुका है।
स्टार्ट-अप कल्चर में तेजी से वृद्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ अभियान को अब 9 साल पूरे हो गए हैं। उन्होंने बताया कि भारत में पिछले 9 वर्षों में जितने स्टार्ट-अप्स बने हैं, उनमें से आधे से ज्यादा Tier 2 और Tier 3 शहरों से हैं। उन्होंने बताया कि अब स्टार्ट-अप कल्चर सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह गांवों तक भी पहुंच चुका है। खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश स्टार्ट-अप्स महिलाओं द्वारा संचालित हो रहे हैं, जो महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।