कोरबा। 4 साल पहले जिले में पहाड़ी कोरवा किशोरी की गैंग रेप और उसके पिता सहित 3 लोगो की हत्या के मामले में स्पेशल कोर्ट ने 5 आरोपियों को मृत्युदंड और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बिलासपुर संभाग में यह अपनी तरह का पहला प्रकरण है जिसमें एक साथ 5 लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।

हत्यारों में सतरेंगा गांव निवासी दोषी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35), जब्बार उर्फ विक्की (21) और उमाशंकर यादव (22) शामिल हैं।

जंगल में मिले थे शव…

29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में एक परिवार के 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम (45), उनकी बेटी (16) और नातिन सतमति (4) शामिल थे। 30 जनवरी को जंगल में दो का शव मिला था, वहीं किशोरी चोटिल हालत में पत्थरों से दबी हुई मिली। उसे निकाल कर अस्पताल भेजा गया मगर रास्ते में उसने दम तोड़ दिया।

हत्यारे संतराम के यहां मवेशी चराता था धरमू

मृतक धरमू का परिवार हत्यारे संतराम मंझवार के यहां रहकर उसके मवेशियों को चराने का काम करता था। इसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात कही थी, लेकिन संतराम मंझवार हर महीने मात्र 600 रुपए और 10 किलो चावल दिया, इसलिए उसने 29 जनवरी 2021 को पैसों का हिसाब-किताब किया।

गांव जाने के लिए निकला परिवार, मगर…

धरमु ने संतराम को बताया कि वह अपने परिवार के साथ गांव जा रहा है। जिसके बाद संतराम ने कुछ पैसे भी दिए। उसके बाद परिवार घर जाने के लिए सतरेंगा के बस स्टैंड चला गया। इसी बीच संतराम मंझवार ने साजिश रच डाली और अपने साथियों सहित यहां आया और सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। षड्यंत्र के मुताबिक संतराम ने धरमु की पत्नी को एक बाइक में आगे भेज दिया। वहीं उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को जंगल में रोक लिया।

इसके बाद संतराम मंझवार ने धरमू को रास्ते में रोककर शराब पिलाई। फिर साजिश के तहत उसकी नाबालिग बेटी से बारी-बारी से सभी ने रेप किया। वारदात के बाद डंडा औऱ पत्थर से हमला कर दिया। उसे मरा समझकर फेंक दिए। इसके बाद उसके पिता और नातिन को भी पत्थर से हमलाकर मार डाला गया।

मृतका की मां ने लगाया ये आरोप

इस घटना के बाद किशोरी की मां ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी से गैंगरेप किया गया है। उसने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी संतराम यादव उसकी बेटी को घरवाली बनाकर रखना चाहता था, लेकिन वो लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। महिला ने अपने बयान पुलिस को दर्ज कराए।

आरोपी से पूछताछ में हुआ खुलासा

परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने संतराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की। मुख्य आरोपी ने नाबालिग से गैंगरेप की बात स्वीकार की। मामले का खुलासा होने पर मुख्य आरोपी संतराम यादव सहित 6 को गिरफ्तार कर लिया गया। संतराम ने अपने साथी उमाशंकर यादव, अब्दुल जब्बार, अनिल सारथी, परदेशी दास व अनंत दास के साथ मिलकर उनकी हत्या की थी।

जज ने की ये टिप्पणी

जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, अमानवीय और निर्दयता पूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक और कायरतापूर्ण है। वासना को पूरा करने के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है।

इस मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सुनील मिश्रा ने बताया कि दोषी संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ विक्की (21) को फांसी की सजा सुनाई गई। वहीं एक आरोपी उमाशंकर यादव (22) को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वह हत्या में शामिल था, मगर उसने रेप नहीं किया था।