रायपुर। राज्य श्रम विभाग (State labor department) ने मजदूरों को बांटने के लिए जेम पोर्टल (Gem Portal)  के माध्यम से महंगी दरों में (Expensive rates) 2.5 लाख साइकिलें (2.5 lakh bicycles) खरीद कर शासकीय खजाने को 6.6 करोड़ रुपए का चूना लगाया(6.6 Crore loss to Government Treasury) है। जब कि अगर यही साइकिलें छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम(CSIDC) से खरीदी जातीं तो ये पैसे बचाए जा सकते थे। जिस वक्त ये घोटाला हुआ उस समय प्रदेश में भाजपा की रमन सरकार सत्ता में थी।
मामले को यूं समझें:
दरअसल हुआ ये कि छत्तीसगढ़ में किसी भी चीज की खरीदी के लिए दो ही एजेंसियां निर्धारित थीं। पहली रमन सरकार की सीएसआईडीसी(CSIDC) यानि छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम और दूसरी केंद्र सरकार का जेम पोर्टल ((Gem Portal) )।
16 अप्रैल 2018 को सीएसआईडीसी (CSIDC) की आरसी (RC) समाप्त हो जाएगी, इसकी जानकारी भी श्रम विभाग के अधिकारियों को बखूबी थी। इसके बावजूद भी जानबूझकर आरसी का टाइम एक्सपायर (RC’s time expire) होने दिया गया। उसके ठीक 5 दिन बाद ही  केंद्र सरकार के दबाव में  रमन सरकार ने उसकी एजेंसी जेम पोर्टल को ये आदेश जारी कर दिए गए। इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।

ऐसे में जानकार सवाल उठा रहे हैं कि सीएसआईडीसी(CSIDC) की आरसी(RC) रहते-रहते ये खरीदी क्यों नहीं की गई? यहां दूसरा सवाल ये है कि निविदा में किसी भी ब्रांड का उल्लेख नहीं किया गया है। जब कि जेम पोर्टल (Gem Portal) को दिए गए आॅर्डर में हीरो (HERO) एवं एवन(AVON) दोनों ही ब्रांड का उल्लेख किया गया है। जब कि यही कंपनियां सीएसआईडीसी(CSIDC) में भी पंजीकृत थीं। निविदा में सिर्फ आईएसआई मार्क(ISI mark) की बात कही गई है तो फिर क्रय आदेश में ब्रांड का नाम क्यों जारी किया गया?

इसको इस चार्ट के माध्यम से समझें :

क्या कहते हैं आंकड़े:
दरअसल प्रदेश के श्रम विभाग ने मजदूरों को साइकिल बांटने के लिए 24 अप्रैल 2018 को जेम पोर्टल(Gem Portal) के माध्यम से 2.5 लाख साइकिलों की खरीदी के लिए बिड जारी की। इसमें हीरो, एवन और एटलस को छोड़कर बाकी की कंपनियोें को रिजेक्ट कर दिया गया।
5 मई 20018 को जेम पोर्टल(Gem Portal) नामक एजेंसी से कुल 2.5 लाख साइकिलें 86 करोड़ रुपए में खरीदीं। विभाग की ओर से जारी क्रय आदेश के अनुसार इसके लिए हीरो और एवन नामक दो कंपनियों को 22 इंच की साइकिलों की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किया गया था। इसमें हीरो से 1 लाख 44 हजार साइकिलें तो वहीं एवन से 93 हजार 600 साइकिलें खरीदी गर्इं। इसम साइकिलों की दर से 3 हजार 3सौ 09 रुपए प्रति साइकिल निर्धारित की गई थी। जब कि छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम ने  साइकिलें 3 हजार 45 रुपए  प्रति साइकिल के हिसाब से खरीदी थीं। ऐसे में अगर देखा जाए तो श्रम विभाग ने जेम पोर्टल प्रति साइकिल 264 रुपए का अधिक भुगतान किया है। अब अगर इसको 2.50 लाख साइकिलों के हिसाब से देखें तो ये रकम 6.6 करोड़ रुपए होती है। यानि श्रम विभाग ने जेम को कुल 6.6 करोड़ रुपए अधिक भुगतान कर सरकारी खजाने को चूना लगाया। यह हम नहीं खुद श्रम विभाग का क्रय आर्डर बता रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रोकी जेम से खरीदी:
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जेम से किसी भी तरह की खरीदी करने पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि वे छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम से ही खरीदी करेंगे। विभाग के जानकारों का मानना है कि ऐसे में अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले अक्टूबर महीने से छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम को आर्डर भी मिलने लगेंगे।

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