ABSENT TEACHER

रायपुर। कोरोना काल का असर ख़त्म हो चुका मगर सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की मनमानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यही वजह है कि सरकार ने ऐसे शिक्षकों पर कठोरता बरतनी शुरू कर दी है। आये दिन स्कूलों के औचक निरिक्षण में नदारद मिलने वाले और नशे की हालत में स्कूल आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है, बावजूद इसके दूरस्थ वनांचल में तैनात शिक्षक अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही शिक्षकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। कोंडागांव जिले में निरीक्षण के दौरान गायब 72 शिक्षकों का वेतन काटने की कार्रवाई की जा रही है, वहीं जशपुर जिले में एक शराबी शिक्षक और गैरहाजिर रहने वाले प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया गया।

प्रधान पाठक 4 माह से गायब, और शिक्षक…

जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड के प्राथमिक शाला सेमरजोबला ग्राम पंचायत सामरबार, संकुल सोनगेरसा में दो शिक्षक पदस्थ थे। जिनमें टीपन राम प्रधान प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ रहे, वहीं शीतल राम सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। टीपन राम 13 अगस्त याने 4 माह से बिना किसी पूर्व सूचना और अवकाश स्वीकृत करवाये अनुपस्थित चल रहे थे।

इधर इसी विद्यालय के सहायक शिक्षक शीतल राम आये दिन शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंचते थे और स्कूल का ताला भी नहीं खोलते थे। वे स्कूल में ही मदिरा का सेवन करते थे और बच्चो से मारपीट करते थे। पालको द्वारा समझाइश देने पर उन्हें भी धमकी देते थे।

कार्रवाई हुई और विद्यालय हुआ शिक्षक विहीन

पालकों की सूचना पर बगीचा एसडीएम विजय खेस स्कूल के आकस्मिक निरीक्षण में पहुंचे। इस दौरान जहां उन्हें प्रधान पाठक टीफन राम गैरहाजिर मिले और सहायक शिक्षक शीतल राम शराब के नशे में धुत्त पाए गए। एसडीएम विजय खेस ने शिक्षक शीतल राम को बगीचा थाने में ले जाकर उनका मुलाहिजा करवाया, यहां उनके नशे में होने की पुष्टि हुई।

स्कूल निरिक्षण के बाद एसडीएम ने प्रतिवेदन बना कर जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा, जिसके आधार पर प्रधान पाठक टीफन राम व सहायक शिक्षक एलबी शीतल राम को छतीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत निलंबित कर दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई से यह स्कूल शिक्षक विहीन हो गया। संभव है कि अधिकारी किसी दूसरे स्कूल के शिक्षकों की कटौती करके किसी और स्कूल से यहां टीचर पढ़ाने के लिए भेजेंगे।

बता दें कि जशपुर जिले में इससे पूर्व भी अनेक शिक्षक इसी तरह निलंबित किये जा चुके हैं।

गैरहाजिर शिक्षकों का कटेगा वेतन

उधर कोंडागांव जिले के केशकाल विकासखंड में संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के नहीं पहुंचने को लेकर लगातार शिकायत मिल रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर दीपक सोनी ने केशकाल एसडीएम शंकरलाल सिन्हा को औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए।

SDM के निरीक्षण के दौरान 72 शिक्षक अनुपस्थित मिले। जिसके बाद उन्होंने अनुपस्थित शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। साथ ही चेतावनी दी कि संतोषपूर्वक जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही एसडीएम ने कलेक्टर दीपक सोनी को अनुपस्थित शिक्षकों के एक दिन का वेतन काटने के लिए प्रतिवेदन भी भेजा है।

सिस्टम में सुधार की है जरुरत

एक ओर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था का आलम है, वहीं निजी स्कूलों में झांके तो वहां के शिक्षक कम वेतन में भी पूरी तरह लगन से बच्चों को पढ़ाते हुए नजर आते हैं। ऐसा क्यों ? जबकि सरकारी स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए संकुल शिक्षक, जन शिक्षक और BEO के होने के बावजूद शिक्षक मनमानी करते हैं। स्वाभाविक है कि इन शिक्षकों के मन में अधिकारियों को लेकर कोई भय नहीं रह गया है। फिर जरा सी कार्रवाई हुई और शिक्षक संगठनों की नेतागिरी शुरू। शिक्षक और कर्मचारी जिस तरह अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर उतारू रहते हैं, उसी तरह उन्हें अपने कर्तव्य को पूरा करने की दिशा में भी तत्पर रहना चाहिए। क्योंकि देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों का भविष्य भी उन्हीं के हाथों में होता है।

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