टीआरपी डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी के रानी झांसी रोड पर एक फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी भीषण आग में

43 लोगों की मौत हो गई। चार मंजिला इमारत में लगी आग में जलकर और धुएं में दम घुटने से कई लोगों

की मौत हुई। दर्जनों लोगों को लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल, हिंदू राव और लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग

अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंची 30 दमकल गाड़ियों ने आग पर काबू पाया और रेस्क्यू कर 63

लोगों को बाहर निराला। आज तड़के हुए इस भीषण अग्निकांड ने एक बार फिर से पुराने जख्म ताजा कर दिए।

लोगों को दिल्ली के बड़े अग्निकांडों और उससे हुए जानमाल की याद आ गई।

 

आइए डालते हैं एक नजर दिल्ली के बड़े अग्निकांड पर :

उपहार सिनेमा अग्निकांड :

13 जून 1997 को साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित उपहार सिनेमा में सनी देओल, सुनील शेट्टी और

अक्षय खन्ना की फिल्म “बॉर्डर” लगी थी। सिनेमा घर खचाखच भरा हुआ था। फिल्म का शो चल रहा था

कि सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई और यह तेजी से अन्य हिस्सों में भी फैल गई। आग की

वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ये हादसा शाम करीब

4 बजकर 55 मिनट पर हुआ था। घटना की जांच के दौरान पता चला था कि सिनेमाघर में सुरक्षा के

पुख्ता इंतजाम नहीं थे।

 

बवाना दिल्ली अग्निकांड


20 जनवरी 2018 को दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में तीन फैक्ट्रियों में भीषण आग लग गई थी।

फैक्ट्री में लगी भीषण आग से 17 लोगों की मौत हो गई है। दो प्लास्टिक फैक्ट्री और एक पटाखा फैक्ट्री

इस आग की चपेट में आ गई थी। मरने वालों में 8 महिलाएं भी शामिल थीं। प्लास्टिक फैक्ट्री से शुरू हुई

आग पास ही मौजूद पटाखा फैक्ट्री तक पहुंच गई थी। मरने वाले लोगों में कुछ की मौत दम घुटने की वजह

से भी हुई थी। कुछ लोगों ने बचने के लिए तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी जिस वजह से कई घायल भी

हुए थे। जांच के बाद पता चला था कि इलाके में अवैध रूप से फैक्ट्रियां चल रही थीं।

 

करोलबाग के होटल अर्पित में लगी आग :

12 फरवरी, 2019 को करोल बाग के होटल अर्पित में आग लगने से 17 लोगों की जान चली गई थी। एक

छोटी-सी चिनगारी ने भयानक आग का रूप ले लिया था। आग लगने के वक्त होटल में करीब 53 लोग थे।

होटल के अलग-अलग कमरों में सोए लोगों का सुबह 3 बजे के आसपास अचानक दम घुटने लगा। गर्मी

बढ़ गई। दरवाजा खोला तो सब धुआं-धुआं था। कई लोग जान बचाने के लिए ऊपर से ही कूद गए थे।

आग बुझाने पहुंचे अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार होटल में अधिकतर काम लकड़ी से हुआ था और

यही कारण है कि आग तेजी से फैल गई थी।

 

15 किन्नरों ने गंवाई थी जान :

20 नवंबर 2011 को पूर्वी दिल्ली में आयोजित किन्नरों के सम्मेलन में आग लग गई थी, जिसमें 15 लोगों की

मौत हो गई थी जिसमें 50 लोग घायल हुए थे।

 

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