नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं? शुक्रवार शाम जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बैठक करेंगे तो यह सवाल सबसे ऊपर होगा। 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त हो रहा है और शाह ने शुक्रवार सुबह राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बातचीत की थी। उनसे मिले फीडबैक को वह प्रधानमंत्री से साझा करेंगे और फिर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कई राज्यों ने लॉकडाउन जारी रखने को कहा है मगर वह धीमे-धीमे हालात भी सामान्य करना चाहते हैं। उम्मीद है कि आज होने वाली बैठक में 31 मई के बाद की योजना का खाका खिंच सकता है।

राज्यों संग मीटिंग से तय हुई आगे की दिशा
गृह मंत्री के साथ मीटिंग में कई राज्यों ने दोहराया कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि वे इकनॉमिक ऐक्टिविटी को लेकर व्यापक छूट चाहते हैं। शाह ने मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन एक्सटेंशन के अलावा कोरोना से लड़ाई की आगे की रणनीति भी जानी। इस मीटिंग से मिले फीडबैक को पीएम मोदी के साथ साझा किया जाएगा। अभी तक पीएम ही मुख्यमंत्रियों संग बैठक की अध्यक्षता करते थे। लॉकडाउन पर राय जानने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार मुख्यमंत्रियों से बात की है।
क्यों लॉकडाउन बढ़ाना चाहते हैं राज्य?
कुछ राज्यों में कोरोना वायरस से हालात बेहद खराब हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में मामले ज्यादा हैं। कई राज्य ऐसे हैं जहां अभी तो केसेज कम हैं मगर कोविड-19 ग्राफ बढ़ रहा है। असम में पिछले चार दिन में केसेज कई गुना बढ़ गए हैं। लॉकडाउन पूरी तरह खोलने से हालात कहीं बेकाबू ना हो जाएं, इसलिए राज्य अभी थोड़ी रियायतों के साथ लॉकडाउन जारी रखना चाहते हैं। गोवा सीएम प्रमोद सावंत की मांग है कि लॉकडाउन को कम से कम 15 दिन के लिए और बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने कुछ रियायतों की मांग भी की है जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रेस्तरां, जिम का खुलना शामिल हैं।
लॉकडाउन में क्या-क्या मिल सकती है छूट
अगर लॉकडाउन आगे बढ़ाने का फैसला हुआ तो बहुत सारी छूट दी जा सकती है। सरकार का फोकस उन शहरों पर होगा जहां कोरोना के मामले बहुत ज्यादा हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नै, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता शामिल हैं। स्कूल-कॉलेज फिलहाल बंद रहने के ही आसार हैं। इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी जारी रखी जा सकती है। धार्मिक स्थानों को खोला जाए या नहीं यह फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा जा सकता है। सलून खुल चुके हैं, अब जिम और शॉपिंग मॉल्स वगैरह खोलने का फैसला भी राज्य सरकारों के हाथ में दिया जा सकता है।
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