रायपुर। छत्तीसगढ़ चिटफंड (chhattisgarh chit fund) मामले में महासमुंद के बाद राजधानी रायपुर (Raipur) में भी एक FIR दर्ज कर लिया गया है। सनसाइन इंफ्राबिल्ड कार्पोरेशन लिमिटेड और साईं प्रसाद नाम की कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग मामला कायम किया गया है। FIR में करीब आधा दर्जन आईएएस और एक आईपीएस के नाम शामिल हैं। इसमें आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट और सेबी की रोक के बावजूद चिटफंड कंपनी पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं गई।

घर-जमीन बेचकर 6 लाख 76 लाख रुपए साईंप्रसाद कंपनी में निवेश

राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने पचेड़ा गांव के निवासी संतोष साहू की शिकायत पर पुणे की चिटफंड कंपनी (chhattisgarh chit fund company) साईंप्रसाद के संचालकों बाला साहब भापकर, वंदना भापकर, शशांक भापकर, पुष्पेंद्र सिंह बघेल समेत अन्य के खिलाफ भी धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में भी कंपनी को संरक्षण देने के आरोप में आईएएस रीना बाबा कंगाले, सिद्धार्थ कोमल परदेसी, नीलकंठ टेकाम, तीर्थराज अग्रवाल, बी एस जागृत, रीतू सेन, भीम सिंह, जी एल भारद्वाज और रतनलाल डांगी के विरूद्ध मामला कायम किया गया है। शिकायतकर्ता संतोष साहू ने कहा है कि उसने अपनी अधिकांश जमा पूंजी तथा घर-जमीन बेचकर 6 लाख 76 लाख रुपए साईंप्रसाद कंपनी में निवेश किया था। उसे यह आश्वासन दिया गया था कि छह साल में कंपनी जमा राशि का दोगुना देगी, लेकिन कंपनी भाग खड़ी हुई।

कई आईएएस अधिकारियों के नाम

आपको बता दें कि महासमुंद जिले (Mahasamund District) के खल्लारी में प्रकरण दर्ज करने के बाद केस डायरी राजधानी के राजेंद्रनगर थाना को भेजी गई। जिसके बाद पुलिस ने सनसाइन इंफ्राबिल्ड के संचालकों बनवारी लाल बघेल, वकील सिंह बघेल, राजीव गिरी व अन्य के साथ-साथ पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, आईएएस रीना बाबा साहब कंगाले, सिद्धार्थ कोमल परसेदी, अमृतलाल ध्रुवे, भीम सिंह और नीलकंठ टेकाम के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।

छत्तीसगढ़ चिटफंड मामले (chhattisgarh chit fund scam) में ग्राम खट्टी निवासी दिनेश पानीकर ने लिखाया है कि सनशाईन इन्फ्रा बिल्ड कार्पोरेशन लिमिटेड में 13 लाख 11 हजार 881 रुपये जमा किये थे। एफआईआर में दिनेश ने कहा है कि उसने यह रकम खेत बेचकर अपने और पिता के नाम पर कंपनी में इन्वेस्ट किया था। पीड़ित ने शिकायत में लिखाया है कि इस कंपनी ने साढ़े 6 साल में रकम दो गुना करने का वादा किया था। पीड़ित ने यह रकम कंपनी मुकुट नगर में अक्षत पानी टंकी के पास स्थित कार्यालय में जमा किया था। बाद में कंपनी अपने कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गई। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

 

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