नई दिल्ली। हिंडन एयरबेस (Hinden Airbase) पर आज दुनिया का सबसे बड़ा मालवाही विमान एंटोनोव 224 (Antonov 224) अपाचे हेलीकॉप्टर्स (Apache AH 64 E helicopters)की पहली खेप लेकर पहुंचा। इसमें 4 अपाचे एएच 64 ई हेलीकॉप्टर्स लोड(Apache AH 64 E helicopter) हैं। भारतीय रणनीतिकार इसको ‘‘गेम चेंजर’’ मानते हैं। भारत ने बोइंग कंपनी से 22 एएच-64 ई अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था।

कंपनी ने खुद की खबर की पुष्टि:
इससे पहले मई में कंपनी ने भारत को एरिजोना में पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंपा था, अब उस हेलिकॉप्टर समेत 4 विमान (Apache AH 64 E helicopter)हिंडन एयरबेस (Hinden Airbase) आ पहुंचे हैं। खुद कंपनी ने हेलिकॉप्टरों के भारत पहुंचने की पुष्टि की है।
भीतरी सीमा में घुसकर मारने में एक्सपर्ट:
इस हेलिकॉप्टर के वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से भारत की दुश्मन के घर में घुसकर मार करने की क्षमता और बढ़ी है। अब इसका इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टर्स की सप्लाई की है। अमेरिकी सेना पहली बार 1984 में इस हेलिकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल किया था।
रिटायर होंगे एमआई-35 हेलीकॉप्टर्स:
अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो भारतीय सेना में विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा। भारतीय सेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्तेमाल वर्षों से कर रही है, लेकिन यह अब रिटायरमेंट के कगार पर हैं। अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
जानिए अपाचे की खासियतें:
इससे पीओके में आतंकी ठिकानों को आसानी से तबाह किया जा सकेगा। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि अपाचे युद्ध के समय ‘‘गेम चेंजर’’ की भूमिका निभा सकता है। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में दो जनरल इलेक्ट्रिक टी 700 टर्बोशाफ्ट इंजन हैं और आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिसकी वजह से यह रात के अंधेरे में भी उड़ान भर सकता है। यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है। इतनी तेज गति होने की वजह से यह दुश्मन के टैंकों के परखच्चे आसानी से उड़ा सकता है।
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