क्या आप जानते हैं, देश में हर दिन सड़क हादसों में होती है 415 लोगों की मौत
क्या आप जानते हैं, देश में हर दिन सड़क हादसों में होती है 415 लोगों की मौत

टीआरपी न्यूज डेस्क। 415 people die every day in road accidents क्या आप जानते हैं देश में हर दिन सड़क हादसों 415 लोगों की मौत होती है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। जिनमें से 70 फीसदी दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने से होती हैं। ये आंकड़े आपको सावधान करने के लिए काफी है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात ‘भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियों और एक कार्य योजना की तैयारियों’ पर सड़क सुरक्षा संस्था आईआरएफ के इंडिया चेप्टर द्वारा आयोजित एक वेबिनार श्रृंखला का उद्घाटन करने के दौरान कही। गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओें की स्थिति कोरोना से अधिक गंभीर है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत को सड़क दुर्घटनाओं के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 फीसदी के बराबर नुकसान उठाना पड़ता है। इन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए 40 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्ग को सुरक्षा ऑडिट के दायरे में लाया गया है। भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है। हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 3.5 लाख से अधिक लोग घायल होते हैं।

70 फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की

उन्होंने कहा, ‘सड़क दुर्घटना से सत्तर फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की हुई हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाओं से प्रतिदिन 415 मौतें होती हैं, मैं कहूंगा कि यह परिदृश्य कोविड-19 महामारी की तुलना में बहुत गंभीर है। हमारे लिये साल दर साल स्थिति और खराब हो रही है। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से हम दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में अमेरिका और चीन से आगे खड़े हैं. परिवहन मंत्री होने के नाते मैं इस बात को समझता हूं और इसी कारण गंभीर हूं।

सड़क सुरक्षा ऑडिट जरूरी

उन्होंने कहा कि दुर्घटना के जिम्मेदार कारकों में कमी लाने के लिये निर्माण के विभिन्न चरणों के दौरान सड़क सुरक्षा ऑडिट सबसे उपयुक्त तरीका प्रतीत होता है। 40,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों को सुरक्षा ऑडिट के तहत लाया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईआईटी के साथ आईआरएफ जैसे सड़क सुरक्षा संस्थान सुरक्षा ऑडिट में सरकार की मदद कर सकते हैं। प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज को कुछ वित्तीय सहायता के साथ सुरक्षा ऑडिट के लिये 300-500 किलोमीटर दिया जा सकता है।

गडकरी ने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि जब अन्य राज्य सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर पिछड़ रहे थे, तब तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं में 38 प्रतिशत और मौतों में 54 प्रतिशत की कमी लाई गई है। उन्होंने सभी राज्यों से तमिलनाडु मॉडल को लागू करने का आग्रह किया।
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय राजमार्ग नेटवक पर पहचाने गए 5,000 से अधिक ब्लैक स्पॉट पर काम कर रही है।


78 फीसदी सड़क दुर्घटना में मौतें दोपहिया वाहन सवार, साइकिल सवार और पैदल चलने वालों की

उन्होंने कहा, ‘भारत में 78 फीसदी सड़क दुर्घटना में मौतें दोपहिया वाहन सवार, साइकिल सवार और पैदल चलने वालों की होती हैं, ऐसे लोगों की सुरक्षा केंद्र की प्रमुख प्राथमिकता है। गडकरी ने 2025 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को 50 फीसदी तक कम करने के लिये सभी स्टेकहोल्डर के सहयोग की मांग की और इसे हासिल करने का भरोसा जताया है।

उन्होंने कहा कि भारत में 70 फीसदी दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने से होती है। सभी वाहनों की फिटनेस जांच ऑटोमेटेड व्हिकल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन (आईएंडसी) केंद्रों के जरिए होनी अनिवार्य है। सरकार ने हाल ही में पुराने, अनफिट वाहनों से निपटने के लिए पुरानी नीति को खत्म कर दिया है. उम्मीद है कि इससे इस तरह के एक करोड़ से अधिक वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा।

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