टीआरपी डेस्क। रेप केस के आरोपी तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को 8 साल बाद गोवा की सेशन कोर्ट ने बरी तक दिया है। बता दें कि तहलका मैगजीन के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल पर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था।

हालांकि इससे पहले कोर्ट ने 19 मई को फैसला सुनाना था लेकिन चक्रवात कूफान ताऊते के कारण गोवा के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण तारीख 21 मई तय कर दी गई थी। न्यायाधीश क्षमा जोशी ने कहा था कि वह “बिजली गुल” हो जाने की वजह से आदेश नहीं सुना सकती हैं।
बता दें, पत्रकार तरुण तेजपाल पर सहकर्मी ने ही यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद तरुण तेजपाल के खिलाफ गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं। गोवा पुलिस ने फरवरी 2014 में उनके उनके खिलाफ 2846 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी।
इन धाराओं के तहत चला मुकदमा
गोवा अपराध शाखा ने तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।
महिला पत्रकार ने लगाया था आरोप
महिला पत्रकार के आरोप अनुसार, गोवा में तहलका का एक इवेंट था। उस दौरान जब वह एक गेस्ट को उसके कमरे तक छोड़ कर वापस लौट रही थी, तो इसी होटल के ब्लॉक 7 के एक लिफ्ट के सामने उसे उसके बॉस तरुण तेजपाल मिल गए। तेजपाल ने गेस्ट को दोबारा जगाने की बात कह अचानक उसे वापस उसी लिफ्ट के अंदर खींच लिया।
गोवा पुलिस को दिए बयान में महिला ने कहा कि इससे पहले मैं कुछ समझ पाती इसी बीच तेजपाल ने लिफ्ट के बटन कुछ ऐसे दबाने शुरू किए, जिससे ना तो लिफ्ट कहीं रुके और ना ही दरवाजा खुले और तब तेजपाल ने इसी बंद लिफ्ट में जो कुछ किया। जब उसके राज खुले तो तरुण तेजपाल की जिंदगी में ही तहलका मच गया।
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