हसदेव नदी में बाढ़ के चलते दर्री बांध के खोले गए गेट, निचली बस्तियों में भरा पानी
हसदेव नदी में बाढ़ के चलते दर्री बांध के खोले गए गेट, निचली बस्तियों में भरा पानी

कोरबा। लगातार हो रही बारिश के चलते कोरबा जिले में भी निचली बस्तियों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। यहां तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हसदेव नदी में बढ़ आ गई है। दर्री बांध से जल का भराव कम करने के लिए यहाँ से 16 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे सीतामणी में नदी किनारे बसी बस्तियों में बाढ़ आ गयी है। यहाँ से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

बस्ती में पानी घुसा तो मची अफरा-तफरी

कोरबा के सीतामणी विश्राम गृह के सामने बसी बस्ती में हालात बिगड़ने लगे है। बस्ती में नदी का पानी घुस गया है जिससे कई घर डूब गए है। बीती रात आए बाढ़ की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई वैसे ही बस्ती में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपनी जान बचाने में जुट गए। सुबह होने पर डायल 112 को सूचित किया गया जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने राहत और बचाव का कार्य शुरु कर दिया।

पार्षद ने प्रशासन पर उतारा गुस्सा

बांध से पानी छोड़े जाने को लेकर जिस तरह से बाढ़ की स्थिती निर्मित हुई है उसे लेकर क्षेत्रीय पार्षद ने प्रशासन की भूमिका को सवालों के घेरे में खड़े किया है। उनका कहना है कि बिना सूचना दिए बांध से नदी में पानी छोड़ दिया गया जिससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।

कोरबा जिले के एक छोर पर स्थित बांगो बांध के जलस्तर में 95 फीसदी भराव होने के कारण दर्री बांध का पानी भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है यही वजह है, कि यहां के दो गेट खोलकर हजारों क्यूसेक पानी हसदेव नदी में छोड़ा जा रहा है। बहराहल बाढ़ के खतरे को देखते प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।

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