नंदीग्राम की हार से बौखलाए टीएमसी कार्यकर्ता, बीजेपी दफ्तर को किया आग के हवाले

टीआरपी डेस्क। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा सीट का संग्राम बेहद ही रोचक रहा है, जहां से वर्ष 16 में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टक्कर देने उनकी ही पार्टी के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी मैदान में थे। कड़े मुकाबले के बाद सुवेंदु अधिकारी ने 1622 वोट से अपनी सीट बचा ली। इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 1200 वोट से जीतने की खबरें चल रहीं थीं। 

जैसे ही नंदीग्राम विधानसभा का परिणाम सामने आया वैसे ही टीएमसी कार्यकर्ताओं ने अपनी हार का गुस्सा बीजेपी कार्यालय पर उतारा। आराम बाग में भारतीय जनता पार्टी के दफ्तर को आग लगा दिया गया है। बीजेपी ने आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया। हालांकि, टीएमसी ने आरापों को खारिज कर दिया है।

नंदीग्राम में विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद रोचक रहा। आखिरी राउंड तक सुवेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी के बीच मुकाबला बेहद रोचक रहा। कभी ममता बनर्जी बढ़त बना ले रहीं थीं, तो कभी सुवेंदु अधिकारी आगे निकल जा रहे थे। आखिरकार 1200 वोटों से ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा से लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली है।

बंगाल में आज सुबह से ही सबकी निगाहें नंदीग्राम सीट पर लगी थीं। इसकी सबसे बड़ी वजह थी कि यहां से प्रदेश के दो सबसे कद्दावर नेता ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी आमने-सामने मैदान में उतरे हुए थे। बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में आने वाली नंदीग्राम विधानसभा सीट पर एक दशक से ज्यादा समय तक टीएमसी का कब्जा रहा है। वर्ष 2016 में नंदीग्राम में कुल 87 प्रतिशत वोट पड़े। 2016 में तृणमूल कांग्रेस से सुवेंदु अधिकारी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अब्दुल कबीर सेख को 81230 वोटों के मार्जिन से हराया था।

नंदीग्राम सीट पर ये उम्मीदवार थे मैदान में

नंदीग्राम सीट पर इस बार 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इनमें सुवेंदु अधिकारी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपीआईएम की उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के मनोज कुमार दास और निर्दलीय उम्मीदवारों में दीपक कुमार गायेन, सुब्रत बोस, एसके सद्दाम हुसैन और स्वपन पुरुआ शामिल थे। 

नंदीग्राम सीट पर 2009 से है टीएम का कब्जा

वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से टीएमसी के टिकट पर सुवेंदु अधिकारी ने जीत हासिल की। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की टिकट पर फिरोजा बीबी को जीत मिली थी। उन्हें 61.21 प्रतिशत वोट मिले थे।
वर्ष 2009 के उपचुनाव में इस सीट पर टीएमसी की फिरोजा बीबी ने जीत दर्ज की थी। 
वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाकपा के टिकट पर इलियास मोहम्मद विजयी हुए थे। उन्हें 69,376 वोट मिले थे। इलियास ने टीएमसी के एसके सुपियान को हराया था।
वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के देबिशंकर पांडा विजयी हुए थे। पांडा को 61,885 वोट मिले थे।
वर्ष 1967 से 1972 तक भाकपा के भूपल चंद्र पांडा इस सीट पर जीतते रहे।