सिंदूर नहीं मिलने के कारण जब शम्मी कपूर ने लिपस्टिक से भरी थी गीता बाली की मांग

बॉलीवुड डेस्क। हिंदी सिनेमा के जाने-माने भारतीय अभिनेता व निर्देशक दिवंगत शम्मी कपूर का आज जन्मदिन है। शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर 1931 को मुंबई में हुआ था वहीँ उनका निधन 14 अगस्त 2011 को ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ट्रस्ट मुंबई में हुआ था।

ब्रह्मचारी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और विधाता के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता की श्रेणियों में जीत हासिल कर चुके अभिनेता का फ़िल्मी करियर तो बेहतरीन था ही साथ ही उनकी व्यक्तिगत जीवन भी काफी रोचक रहा है।

फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित अभिनेता शम्मी मुमताज को पसंद करते थे इस बात से हर कोई वाकिफ है। दोनों शादी का प्लान भी बना चुके थे लेकिन बताते हैं कि शम्मी ने मुमताज के आगे शर्त रख दी थी कि वो फिल्मों में काम करना छोड़ दें जिसके कारण मुमताज ने उनका प्रपोजल ठुकरा दिया था।

दो फिल्मफेयर पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता शम्मी कपूर को फिल्म के दौरान गीता बाली से प्यार हो गया था। गीता उम्र में शम्मी से बड़ी थीं और कपूर परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था लेकिन शम्मी ने तय कर लिया था कि वो गीता से ही शादी करेंगे।

परिवार के खिलाफ जाकर शम्मी ने गीता से मंदिर में गुपचुप शादी की थी जहां सिंदूर ना मिल पाने के कारण उन्होंने लिपस्टिक से गीता की मांग भर दी थी। हालांकि गीता उनके जीवन में सिर्फ 10 साल रह पाईं। उनकी मौत के बाद शम्मी ने नीला देवी से शादी की थी।

शम्मी आखिरी बार रणबीर कपूर की फिल्म रॉकस्टार में नजर आए थे। शम्मी रणबीर से बहुत प्यार करते थे और ऐसा संजोग भी हुआ कि उनकी फिल्म शम्मी की आखिरी फिल्म साबित हुई। शम्मी का क्रोनिक रीनल फेल होने का कारण निधन हो गया था। उनके जाने से इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा था।

शम्मी को बॉलीवुड का एल्विस प्रिसली कहा जाता था। उनके धमाकेदार डांस ने लोगों को बताया था कि फिल्मी हीरो सिर्फ पेड़ की डाल पकड़कर झूल ही नहीं सकता बल्कि खुद डांस भी कर सकता है। उनके डांस के बाद से ही फिल्मों में अभिनेता भी डांस करने लगे थे।

बताते हैं कि जब शम्मी पैदा होने वाले थे तो उनके माता पिता को काफी डर लग रहा था क्योंकि राज कपूर के बाद पैदा हुए दो बच्चे खत्म हो गए थे। ऐसे में शम्मी के जन्म ने हर किसी को बहुत खुशी दी थी।

शम्मी कपूर परिवार में पैदा होने वाले एकलौती ऐसे संतान थे जिनकी डिलीवरी अस्पताल में हुई थी। जन्म के बाद उनके पिता पृथ्वीराज कपूर ने उन्हें नाम दिया था शमशेर राज कपूर लेकिन बाद में इसे शम्मी कर दिया था।

बॉलीवुड में बतौर हीरो बनने से पहले वो एक जूनियर आर्टिस्ट थे और अपने काम के लिए उन्हें 50 रुपये सैलरी मिलती थी। उन्होंने दूसरे लोगों की तरह पिता के थिएटर में काम किया था। पृथ्वीराज कपूर के बेटे होने के बाद भी उन्हें कभी स्टारकिड वाली लॉन्चिंग नहीं मिली।

शम्मी ने साल 1953 में आई फिल्म जीवन ज्योति से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म का निर्देशन महेश कौल ने किया था। फिल्म की हीरोइन चांद उस्मान थीं। इस फिल्म के लिए शम्मी कपूर को 11 हजार रुपये मिले थे।

फिल्मों में सफलता पाने से पहले शम्मी की कई फिल्में लगातार फ्लॉप हुई थीं लेकिन उन्हें काम की कभी कमी नहीं रही। साल 1961 में आई फिल्म जंगली से शम्मी कपूर को जबरदस्त सफलता मिली थी। इस फिल्म के गाने याहू पर आज भी लोग जमकर झूमते हैं।

ये बात भी कम लोग जानते होंगे कि जब भारत में याहू सर्च इंजन की शुरुआत हुई थी तो लोगों को लगता था कि शम्मी कपूर इसके मालिक हैं। ये ही वजह है कि याहू के टॉप मैनेजर जब भारत आए तो उन्होंने शम्मी से मुलाकात की थी क्योंकि उनके कारण ही याहू का काफी नाम हुआ था।

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