बिलासपुर। झीरम घाटी (Jhiram Valley) हत्याकांड मामले में बुधवार को जांच आयोग के समक्ष चश्मदीद गवाहों में शामिल कांग्रेस (Congress)के तत्कालीन प्रदेश प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी के साथ ही स्वतंत्र गवाह शिव नारायण (Shiv Narayan) ने अपने बयान दर्ज कराए। शिव नारायण ने शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह घटना सुपारी किलिंग की घटना हो सकती है। मामले में कांग्रेस नेता और वर्तमान में आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Minister Kawasi Lakhma) की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

क्या है शपथ पत्र में

शिव नारायण ने जांच आयोग के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमले के समय लखमा ने वाहन से उतर कर नक्सलियों को अपना परिचय देते हुए कहा कि मैं लखमा हूं। इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग बंद कर दी। इसके तुरंत बाद नक्सली कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल (Nandkumar Patel), दिनेश पटेल (Dinesh Patel), वाहन चालक व कवासी लखमा को लेकर जंगल के अंदर गए। कुछ देर बाद लखमा और वाहन चालक को छोड़ दिया।

उसके बाद नक्सलियों ने जंगल के अंदर ही नंदकुमार पटेल उनके पुत्र की हत्या गोली मारकर हत्या कर दी थी। शिव नारायण ने कहा कि जंगल के अंदर नक्सलियों और कवासी लखमा के बीच क्या बात हुई, इसकी जांच होनी चाहिए। यह सुपारी किलिंग का मामला हो सकता है। इसके अलावा कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी, भिलाई के महापौर देवेंद्र यादव (Devendra Yadav) का भी प्रति परीक्षण किया गया। शुक्रवार को ओआईसी पी सुंदर राज का प्रति परीक्षण किया जाएगा।

क्या है मामला

बता दें कि 25 मई, 2013 को बस्तर (Bastar) के झीरम घाटी (Jhiram Valley) में कांग्रेस की एक राजनीतिक रैली पर माओवादी हमला हुआ था। इस हमले में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, प्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद महेंद्र कर्मा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और पूर्व विधायक उदय मुदलियार (Uday Mudaliar) सहित कुल 29 लोग मारे गए थे।आजाद भारत के इतिहास में यह दूसरा सबसे बड़ा माओवादी हमला था और राजनेताओं की हत्या की दृष्टि से यह सबसे बड़ी वारदात थी।

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