रायपुर। आयकर विभाग की कार्रवाई को लेकर दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा लगाए गए आरोपों पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि यहां 69 विधायक हैं और 4-5 अधिकारियों के यहां छापे से ऐसी छटपटाहट क्यों और किसके लिए हो रही है, यह मैं नहीं समझ पा रहा। मैने इतनी बौखलाहट कभी नहीं देखी। यहां से लेकर दिल्ली तक हिल गई है।

रमन सिंह ने कहा कि आखिर इतनी बौखलाहट क्यों है, मुझे समझ नहीं आ रहा है। इस प्रश्न का भी जवाब नहीं मिल रहा है कि अधिकारियों के घर छापा मारने से सरकार को कैसे खतरा पड़ रहा है।

शहर के अधिकारियों के खिलाफ यदि भ्रष्टाचार के आरोप में आईटी विभाग जांच कर रहा है तो सरकार को इसलिए क्या हो रहा है।  उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास अघोषित संपत्ति मिलती है तो उस पर केस बनाएगा। आईटी का छापा तो एक सामान्य प्रक्रिया है।

मुख्यमंत्री के सरकार गिराने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि क्यों कोई सरकार गिराएगा। आईटी की रेड से यदि सरकारें गिरती तो देश भर में कोई सरकार ही नहीं रहती। वहीं ईमानदार सरकार पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि ईमानदार सरकार है तो आईटी की रेट से क्यों डर रहे हैं। ईमानदारी से सारे काम दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई बार कार्रवाई की गई। कई बार सीआरपीएफ भी लेकर गए। पुलिस और सीआरपीएफ में कोई अंतर है क्या? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई बार आईटी की रेड हुई है। इसमें इस प्रकार का बड़ा तूफान मचाना समझ से परे है। छापे पर सुरजेवाला का कहना कि सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है।

यह केवल कार्रवाई हो रही है। आईटी एक्ट के तहत इस पर कार्रवाई होगी। इसमें खुलासा होने वाला है उसके तार जुड़ते हैं और इसी का यह बौखलाहट है।

रणदीप सुरजेवाला के पैनामा लिक्स मामले में आरोप को लेकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि उनको मूल विषय पता ही नहीं है। भूपेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कई बार कैबिनेट की बैठक में कई मामलों में एसआईटी का गठन कर जांच की गई।

वैसे ही इस पूरे मामले में दूध का दूध पानी का पानी हो चुका है। संघीय ढांचे पर कुठाराघात के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर कुठाराघात तब होता है, जब कांग्रेस द्वारा आईटी के छापे पर प्रदर्शन किया जाता है।

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