रायपुर। कांग्रेस पार्टी लगातार कृषि बिल (Agricultural Bill) का विरोध कर रही है। शनिवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने इन कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए राजीव भवन, रायपुर में वर्चुअल रैली का आयोजन किया।

एक राष्ट्र, एक बाजार और एक दर की मांग

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि बिल (Agricultural Bill) के विरोध में कहा कि देश के प्रधानमंत्री से मैं एक बात कहना चाहता हूं। वो यह तय करें कि मंडी के भीतर और बाहर किसानों से उनकी उपज एमएसपी में ही खरीदी जाएगी। यह घोषणा वो कर दें मैं पूरे देश के किसानों की तरफ से कहता हूं कोई आंदोलन नहीं होगा। मोदी जी एक राष्ट्र एक बाजार की बात करते हैं। मैं इसमें सिर्फ एक चीज जोड़ना चाहता हूं एक दर। अगर एक राष्ट्र, एक बाजार और एक दर होगा तो कोई भी समर्थन मूल्य से कम में किसानों से खरीदी नहीं करेगा। यह घोषणा करके दिखाएं मोदी जी।

मोदी जी झूठ बोल रहे कि इस कानून से किसानों का फायदा होगा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Chief Minister Bhupesh Baghel ) ने आगे कहा कि ये कानून सिर्फ व्यापारियों के फायदे के लिए है। मोदी जी झूठ बोल रहे कि इस कानून से किसानों का फायदा होगा। मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था, मगर अब समर्थन खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की सरकार जो बोनस दे रही थी किसानों को, उसे केंद्र सरकार रोक दिया। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु देव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल बताएं कि ऐसा करके सरकार ने सही किया या गलत। मैं नागपुर गया था वहां अडानी ग्रुप का गोदाम तैयार है, वो किसानों से अनाज लेकर इसका रेट तय करेंगे।

न्यूनतम समर्थन मूल्य के बिना किसानों का हित संभव नहीं

कृषि बिल के विरोध में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव ( Rural Development Minister TS Singhdev ) ने कहा कि कृषि आर्थिकी में कोई भी सुधार न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किए बिना किसानों का हितैषी नहीं हो सकता। टी एस सिंह देव ने गुजरात का उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात में पेप्सीको कंपनी ने कई किसानों पर लेज़ कंपनी के आलू पैदा करने के खिलाफ मुकदमे लगा रखे हैं। यह कानून अनुबंधों के ज़रिए किसान को इस तरह चक्रव्यूह में फंसा देगा कि किसान विवश होकर रह जायेगा।

ग्रामीण विकास मंत्री टी एस सिंहदेव (TS Singhdev) ने कहा कि अगर सरकार कहती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं होगा। तो इसे अध्यादेश में लिखने में क्या आपत्ति है? सरकार ने उसे अध्यादेशों में क्यों नहीं लिखा। उल्टे आध्यादेशों में यह लिखा गया है कि जब तक व्यापारी ₹100 के ₹200 कमाता है तब तक सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, यानी सरकार की मध्यस्थता तब शुरू होगी जब 100 का माल 201 में बेचा जाएगा।

कांग्रेस इस कानून का विरोध जारी रखेगी, जरूरत पड़ने पर राज्य में अलग कानून बनाकर इस कानून को लागू होने से रोकेंगे।

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