राष्ट्रीय न्यूज़ यूट्यूबर ने 'गोदी मीडिया' की उड़ाई धज्जियां, बड़े से बड़े पत्रकार को जमकर धोया, रवीश कुमार को मिला Ramnath Roenka अवॉर्ड, कहा- गटर से बुरे हो गए मीडिया के हालात
राष्ट्रीय न्यूज़ यूट्यूबर ने 'गोदी मीडिया' की उड़ाई धज्जियां, बड़े से बड़े पत्रकार को जमकर धोया, रवीश कुमार को मिला Ramnath Roenka अवॉर्ड, कहा- गटर से बुरे हो गए मीडिया के हालात

दामिनी बंजारे/ रायपुर। आज जो मीडिया के हालात है उसको देखते हुए आपको सोशल मीडिया पर कई तरह के मीम्स देखने मिल जाएंगे। वहीं हजारों वीडियो क्लिप हैं जहां कुछ चुनिंदा पत्रकारों की जुबां फिसली और उनके कम कॉमनसेंस पर लोगों ने मीडिया का स्तर भी देखा। इसी कड़ी में http://Newslaundry नाम के एक यूट्यूब चैनल ने गोदी मीडिया को लेकर एक मजेदार वीडियो बनाया है जिसमें उन्होंने गोदी मीडिया की जमकर बेज्जती की है। साथ ही अलग-अलग कैटेगरी के अवॉर्ड भी विकसित किए।

जैसे पत्रकारिता में सबसे अहम पुरस्कार ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड होता है। उस अवॉर्ड को गोदी मीडिया को देते हुए ‘रामनाथ रोयनका’ नाम देते हुए संबोधित किया है। साथ ही रवीश कुमार से बातचीत करते हुए गोदी मीडिया के बारे में चर्चा की है। क्योंकि गोदी मीडिया शब्द का ईजाद रवीश कुमार द्वारा किया गया था।

सिर ऊंचा करके नहीं चल सकते
http://Newslaundry के इस प्रोग्राम में रवीश कुमार ने कहा कि हमारे देश के मीडिया का स्तर बहुत नीचे आ गया है। उसे नाले में रहना ही पसन्द है, दुर्गंध मीडिया को पसंद आ गई है जिससे बाहर वो निकलना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि आप प्रदूषित वातावरण में एक बसर सिर उठाकर चल सकते हैं, लेकिन मीडिया की वजह से आप कहीं सिर उठाकर नहीं चल सकते। सबसे ज्यादा लोकतंत्र को अगर खतरा पहुंचाया है तो वो पांच-छह हजार करोड़ के विज्ञापन वाले मीडिया ने पहुंचाया है।

गुजरात का मॉडल बेहतरीन

रवीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 में कोरोनाकाल में जब सरकार मौतों की संख्या छिपा रही थी तब कुछ अखबार थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए वहां के स्थानीय पत्रकारों ने बेहतरीन काम किया है। जिसमें गुजरात के पत्रकारों ने जो मॉडल पेश किया वह सराहनीय है।

रवीश कुमार द्वारा गढ़ा और प्रचलित एक निंदात्मक शब्द गोदी मीडिया के नामकारण के लिए #Ramnath Roenka Awards अवार्ड दिया गया। गोदी मीडिया शब्द नागरिकता संशोधन अधिनियम और 2020– 2021 भारतीय किसानों के धरनो के दौरान यह शब्द खूब प्रचलित हुआ।

2006 से ही रामनाथ गोयनका के नाम पर रामनाथ गोयनका पुरस्कार देश के निष्पक्ष पत्रकार जिसने किसी भी राजनीतिक पार्टी या धर्म का पक्ष लिए बिना सही पत्रकारिता किया है। उन्हें ये पुरस्कार से नवाजा जाता है, सालाना इस पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है। 12 वीं संस्करण 2017 में आयोजित किया गया था। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार को इस पुरस्कार से नवाजा गया।

सरकार के एजेंडे का करते है समर्थन

रवीश कुमार के अनुसार, यह शब्द सनसनीखेज भारतीय प्रिंट और टीवी समाचार मीडिया को संदर्भित करता है, जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेतृत्व करता है। गोदी मीडिया के दोषियों का आरोप है कि ईमानदार पत्रकारिता का अभ्यास करने के बजाय, ये फर्जी खबरों और भड़काऊ कहानियां चलाते हैं, जो की प्राय असत्य होती है तथा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले केंद्र और राज्य सरकारों के एजेंडे का समर्थन करता है तथा इनके मालिक कॉर्पोरेट घराने है।

गोदी मीडिया शब्द भारतीय जनता के बीच भारत की पत्रकारिता के माहौल की आलोचना के रूप में संगठित रूप से उभरा है। विशेष रूप से यह जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक चैनल के रूप में मीडिया की भूमिका के बारे में है, यह शब्द पत्रकारिता के लैपडॉग सिद्धांत के साथ कई विशेषताओं को साझा करता है। पत्रकारिता के लैपडॉग सिद्धांत के अनुसार, लैपडॉग या गोदी मीडिया “लाभ के लिए सामाजिक असमानताओं का समर्थन करने वाले, समाज के विशिष्ट वर्ग के एजेंडे का एक साधन है”।

इन सभी चैनल को मिली गोदी मीडिया की उपाधि

टीवी और समाचार चैनल जिन्हें गोदी मीडिया कहा जाता है उनमें ज़ी न्यूज़, टाइम्स नाउ, रिपब्लिक टीवी भारत, रिपब्लिक टीवी, इंडिया टुडे, आज तक, एबीपी न्यूज़, सुदर्शन न्यूज़, सीएनएन-न्यूज़ 18, इंडिया टीवी शामिल हैं।

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