चाचा शिवपाल के बाद अब खफा हुए अखिलेश के खास आजम

टीआरपी डेस्क। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार आजम खान, मुलायम सिंह यादव के खास सिपहसलार माने जाते रहे हैं। सपा की पूर्ववर्ती सरकार में आजम की गिनती टॉप के नेताओं में की जाती थी। लेकिन अब आजम के खेमे की तरफ से आए एक बयान से अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती सी नजर आ रही है।

ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को जल्द ही एक और बड़ा झटका लग सकता है क्योंकि पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान पार्टी छोड़ सकते हैं और संभवत: अपनी पार्टी बना सकते हैं। आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत खान शानू ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सही कहा था कि अखिलेश नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं। फसाहत ने रविवार देर रात रामपुर में पार्टी कार्यालय में खान के समर्थकों की एक बैठक में यह टिप्पणी की।

सलाखों के पीछे से 10वीं बार जीत चुके हैं रामपुर सीट

सूत्रों के अनुसार, आजम खान इस बात से नाराज हैं कि सिवाय एक बार के अखिलेश उनसे सीतापुर जेल में मिलने नहीं गए, जहां वह फरवरी 2020 से बंद हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (पीएसपी-एल) के प्रमुख शिवपाल यादव की अखिलेश के साथ अनबन और सत्तारूढ़ भाजपा में उनके संभावित बदलाव ने आजम खान के भी सपा छोड़ने की खबरों को मजबूत किया है। आजम खान ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा और सीतापुर जेल में सलाखों के पीछे से 10वीं बार रामपुर सीट जीती है।

आजम को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर भी नाराजगी

रामपुर जिले के समाजवादी पार्टी कार्यालय में रविवार को जनसमस्याओं को लेकर एक बैठक चल रही थी। इसी बीच आजम खान के करीबी और मीडिया प्रभारी फसाहत अली शानू ने बातों ही बातों में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर निशाना साधना शुरू कर दिया। शानू ने कहा कि जब आपने कहा कि मैं कोरोना का टीका नहीं लगवाऊंगा तो आजम खान ने जेल में कोरोना का टीका नहीं लगवाया। नतीजा ये हुआ कि वो मौत के मुंह में जाते-जाते बचे। इसके साथ ही आजम को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर भी नाराजगी नजर आ रही है।

इस बात से यह संदेश गया कि आजम खान ने अखिलेश की बात को मानकर अपनी जिंदगी के साथ बड़ा रिस्क लिया और नतीजा यह हुआ कि उनकी जान पर बन आई। चाचा शिवपाल यादव के बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच अखिलेश के लिए यह एक नई सिरदर्द बन सकता है। आजम खान के खिलाफ जमीन पर कब्जे और आपराधिक गतिविधियों के 80 मामले दर्ज थे। आजम की पत्नी तजीन फातिमा राज्यसभा सांसद और पूर्व विधायक रह चुकी हैं। वहीं बेटे अब्दुल्लाह आजम खान स्वार सीट से विधायक निर्वाचित हुए हैं।

बीजेपी से हमारी क्या शिकायत? वो हमसे प्यार करते हैं

शानू ने कहा कि बीजेपी से हमारी क्या शिकायत? वो हमसे प्यार करते हैं, हम उनसे प्यार करते हैं। जैसा सलूक वो हमारे साथ करते हैं, वैसा सुलूक हम उनके साथ करते हैं। हमारी शिकायत समाजवादी पार्टी से है। हमारे कपड़ों से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बदबू आती है। हमारे स्टेजों पर हमारा नाम नहीं लेना चाहते हैं।

हमने आपको और आपके वालिद को मुख्यमंत्री बनाया। आप इतना बड़ा दिल नहीं कर सके कि आजम खान को नेता प्रतिपक्ष बना देते। हमारे वोटों से ही 111 सीटें आई हैं। आजम खान 1980 से ही रामपुर से चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीच में 1996 में ही एक बार उन्हें कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। समाजवादी पार्टी की तरफ से 2009 में उन्हें 6 साल के लिए निकाल दिया गया था। हालांकि एक साल बाद ही निलंबन रद्द कर उन्हें वापस ले लिया गया। इसी बीच संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी सपा के मुस्लिमों के हित में काम नहीं करने का आरोप लगा दिया है। ऐसे में आजम के नए राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं।

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