नई दिल्ली। कोरोना की जानलेवा संक्रमण ने विश्व भर को अपनी चपेट में लेकर लाखों लोगों की जान ले ली है। कोरोना संक्रमण ने भारत में भी जमकर उत्पात मचाया और इसकी चपेट में आए हजारों लोगों की जान चली गई। इस बीच केंद्र सरकार एवं विशेषज्ञों के प्रयास से कोरोना रोधी टीके विकसित कर लिए गए और टीकाकरण अभियान के कारण देश के हजारों लोगों की जान बच गई।
देश के सभी वर्गों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा टीकाकरण अभियान लगातार जारी है। देश में आज कोरोना टीकाकरण का नया कीर्तिमान स्थापित हो गया। रविवार को कुल टीकाकरण की संख्या दो अरब पहुंच गई। इसके साथ ही भारत अपने देश की आबादी को दो अरब से ज्यादा डोज देने वाला दूसरा देश बन गया है।
अब तक भारत से ज्यादा कोरोना वैक्सीन के डोज सिर्फ चीन में ही लगाए गए हैं। जहां अब तक तीन अरब से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। चीन में अब 3.4 अरब से ज्यादा डोज दिए जा चुके हैं। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, 17 जुलाई, 2022..यह दिन हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा, यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने अब तक 2 अरब कोरोना खुराक लोगों के लगाई हैं। मैं इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य कर्मियों और नागरिकों को बधाई देता हूं।
देश में कोरोना टीकाकरण कैसे आगे बढ़ा?
आज से ठीक 18 महीने पहले,16 जनवरी 2021 को देश में कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़े हथियार का इस्तेमाल शुरू हुआ। देश में टीकाकरण की शुरुआत हुई। सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारी से पीड़ित बुजुर्गों का टीकाकरण शुरू हुआ। पहले ही हफ्ते में 12,43,013 वैक्सीन डोज दी गई। इसके बाद हफ्ते दर हफ्ते कोरोना टीकाकरण की रफ्तार बढ़ती रही।
13 से 19 मार्च 2021 का हफ्ता पहला ऐसा हफ्ता था जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हुआ। हालांकि, मई 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर आई उस वक्त टीकाकरण की रफ्तार घट गई थी। हर हफ्ते होने वाला टीकाकरण जो बढ़कर दो करोड़ तक पहुंच गया था। वो घटकर एक करोड़ से भी कम हो गया।
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कब टीकाकरण की रफ्तार सबसे ज्यादा रही?
दूसरी लहर के बीच टीकाकरण की रफ्तार फिर बढ़ी। इस वक्त तक आम वयस्कों का भी टीकाकरण शुरू हो चुका था। 19 से 25 जून के दौरान देश में रिकॉर्ड चार करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हुआ। ये रिकॉर्ड अगस्त में टूटा। 28 अगस्त से तीन सितंबर के दौरान पहली बार पांच करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हुआ। तो 11 से 17 सितंबर के दौरान ये आकंड़ा छह करोड़ से ज्यादा पहुंच गया।
इसके बाद टीकाकरण की रफ्तार फिर से घटने लगी। अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में घटकर ये 2.43 करोड़ पहुंच गई। नवंबर, दिसंबर और जनवरी के पहले पखवाड़े तक ये रफ्तार चार से पांच करोड़ प्रति हफ्ता बनी रही। 22 से 28 जनवरी के दौरान ये फिर घटकर चार करोड़ से नीचे आ गई। इसके बाद हर हफ्ते होने वाला टीकाकरण लगातार घटता रहा।
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