रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है। रोज मिल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या से लोगों में भय का माहौल निर्मित हो गया है। कोरोना की संक्रमण दर 4% से अधिक बनी हुई है। बुधवार को कोरोना की वजह से जांजगीर-चांपा के एक मरीज की जान भी गई है। प्रदेश में अब तक 14 हजार 71 लोगों की जान कोरोना महामारी की वजह से जा चुकी है। वहीं 11 लाख 67 हजार 517 लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बेहद खतरनाक वायरस मंकीपॉक्स और स्वाइनफ्लू ने भी दत्तक देकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। एच 1 एन 1 इंफ्लुएंजा वायरस के इस संक्रमण से 14 लोग प्रभावित हुए हैं। उनमें से केवल तीन को इलाज के बाद छुट्‌टी मिली है। 11 लोगों का इलाज अभी भी जारी है।

स्वाइन फ्लू के 14 केस मिल गए

इस बीच एक नई बीमारी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। चिंता इसलिए बढ़ी है कि स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी का पता बहुत देर में लगा है। बताया जा रहा है कि कई लोगों में यह बीमारी करीब 20 दिन पहले ही सामने आ गई थी। इसको मंगलवार को कंफर्म किया गया। उसके बाद इलाज के प्रोटोकॉल जारी हुए। ऐसे में मरीजों के संपर्क में आए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। संक्रमण कहां से आया यह भी पता नहीं है। आशंका है कि इन 15-20 दिनों में संक्रमण व्यापक रूप से फैला होगा।

छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे हैं डेंगू मरीजों की संख्या

छत्तीसगढ़ में मानसून आने के बाद से मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी जारी है। इस बीच डेंगू और मलेरिया बेकाबू हो चुके हैं। डेंगू जिस हिसाब से बढ़ा है वह अधिक खतरनाक महसूस हो रहा है।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 से तीन अगस्त 2022 तक डेंगू के 859 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से 704 मरीज केवल बस्तर जिले में ही सामने आ चुके। यह आंकड़ा इसलिए खतरनाक है कि यह पिछले तीन साल में सबसे अधिक मरीजों का आंकड़ा है। 2020 में पूरे साल भर के दौरान डेंगू के केवल 57 केस मिले थे। 2021 में जनवरी से सितम्बर के बीच 740 मरीज मिले थे। उस साल कुल एक हजार 86 मरीजों की पहचान हुई थी। जबकि इस साल जनवरी से अगस्त के तीन तारीख तक ही 859 मरीज मिल चुके हैं। वहीं तीन लोगों की मौत भी हुई है।


स्वास्थ्य विभाग इन्हें संदिग्ध मान रहा है क्योंकि उन्हें डेंगू के साथ अन्य बीमारियां भी थीं। कहा जा रहा है डेथ ऑडिट के बाद ही इसे पूरी तरह कंफर्म किया जा सकता है। बस्तर संभाग के जिलों में इसका खतरा अभी भी बेहद बढ़ा हुआ है। जून के बाद से संक्रमण फिर से बढ़ना शुरू हुआ है। मानसून के साथ इसका दायरा भी बढ़ा। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि बरसात के मौसम में सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम होता रहता है।

ये भी पढ़ें : Corona Update In India : बढ़ रहे कोरोना से मौत के आंकड़े! पिछले 24 घंटे में मिले 20,551 नए मामले

बस्तर संभाग में खतरनाक रूप किया मलेरिया

बरसात के दिनों में अक्सर फैलने वाला मलेरिया भी खतरनाक रूप से बढ़ा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित बस्तर संभाग के ही जिले हैं। बस्तर में कई लोगों की इस बीमारी की वजह से जान तक जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ सालों से मलेरिया उन्मूलन का बड़ा अभियान छेड़े हुए है। इसके तहत गांव-गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर लोगों के रक्त का नमूना ले रही है। मलेरिया की पुष्ट होने पर उन्हें घर पर दवाई आदि दी जा रही है। मच्छरों की रोकथाम के उपाय भी किए जा रहे हैं। सरकार ने दावा किया था, मलेरिया की दर कम हुई है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर