हाईकोर्ट

बिलासपुर। 70 प्रतिशत दिव्यांग शिक्षक के बिलासपुर से जांजगीर-चांपा में किए गए तबादले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने शासन को 5 सप्ताह के भीतर शिक्षक के अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश दिया है। वहीं सक्ती जिले के DEO के तबादले पर भी हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है।

मिली जानकारी मुताबिक शिक्षक राजेंद्र शर्मा किडनी मरीज होने के साथ हेपेटाइटिस सी से पीड़ित हैं। उनको सप्ताह में तीन दिन डायलिसिस कराना पड़ता है। हेपेटाइटिस पीड़ित होने के कारण कुछ ही अस्पतालों में उनको डायलिसिस की सुविधा मिल पाती है। उनका तबादला सरकंडा शासकीय बालक स्कूल से जांजगीर-चांपा जिले में कर दिया गया। शिक्षक ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस पीपी साहू की सिंगल बेंच ने स्थानांतरण आदेश पर स्थगन देते हुए शासन को समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

सक्ती के DEO बने रहेंगे बीएल खरे

नवगठित जिले सक्ती के शिक्षा अधिकारी बीएल खरे को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है और हाईकोर्ट के आगामी आदेश तक वे सक्ती डीईओ बने रहेंगे। डीईओ का 7 माह में ही ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसके खिलाफ वे हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे।

शिक्षा विभाग ने सक्ती डीईओ बीएल खरे का ट्रांसफर बेलगहना के हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य के पद पर किया था। इसे लेकर सक्ती डीईओ बीएल खरे ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में पिटीशन दायर किया और फिर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के सचिव से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 21 नवम्बर को होगी।

बता दें कि कांकेर जिले के सरोना हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य रमेश निषाद को शिक्षा विभाग ने सक्ती डीईओ के पद पर पोस्टेड किया था और सक्ती डीईओ बीएल खरे का ट्रांसफर बेलगहना किया गया था। 7 माह में ही ट्रांसफर को डीईओ बीएल खरे ने हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से चुनौती दी थी और ट्रांसफर नीति का हवाला दिया, जिसके तहत ट्रांसफर करने को गलत बताया गया। इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से सक्ती डीईओ बीएल खरे को स्टे मिल गया है और वे अभी सक्ती डीईओ बने रहेंगे।

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