रायपुर। राजधानी रायपुर के बहुचर्चित न्यू स्वागत विहार मामले के पीड़ितों को भूपेश सरकार के एक फैसले से बड़ी राहत मिली है। बीते 14 साल से भटक रहे पीड़ितों ने खुशी का इजहार करते हुए इस मामले के निराकरण के लिए सरकार का आभार जताया है।

रजिस्ट्री के बाद भी नहीं मिल रहा था हक

न्यू स्वागत विहार के भू धारकों को भूपेश सरकार की ओर से तब बहुत बड़ी राहत मिली, जब कैबिनेट में उन मुख्य बिंदुओं पर फैसला लिया गया जो पीड़ितों के हक में न्यायपूर्ण साबित हुआ। करीब 14 सालों से न्यू स्वागत विहार में जमीन खरीद कर रजिस्ट्री कराने के बाद भी पीड़ितों को उनकी जमीन का हक नहीं मिला। पीड़ितों ने अपनी समिति बना कर लंबे समय से संघर्ष किया, पर यह जमीन का घोटाला इतना जटिल था कि सुलझता नजर ही नहीं आ रहा था। हाई कोर्ट में भी लंबे समय तक केस चला, कुछ आदेश भी पारित हुए पर पीड़ितों को जमीन पर कोई राहत नहीं मिली।

इस तरह हुआ सबसे बड़ा जमीन घोटाला

दो दशक पूर्व रायपुर शहर के राजधानी बनने के बाद यहां बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद बिक्री का काम शुरू हुआ तब व्यवसायी संजय बाजपेई के फर्म ने कमल विहार से लगे हुए 200 एकड़ से भी ज्यादा बड़े भूभाग पर न्यू स्वागत विहार कॉलोनी का प्रोजेक्ट तैयार किया और प्लाट काट कर जमीन की बिक्री शुरू की। इसमें ग्राम डूंडा, सेजबहार और बोरियाकलां की जमीनें शामिल हैं। लगभग 14 साल पहले शुरू हुआ यह काम चलता रहा और 2910 लोगों ने संजय बाजपेई से जमीन खरीदकर रजिस्ट्री कराई। वहीं लगभग 600 और लोगों ने इस फर्म से जमीन खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया।

इसी बीच RDA के तत्कालीन अध्यक्ष सुनील सोनी ने उजागर किया कि संजय बाजपेई ने नियम कायदों को ताक पर रखकर जमीनों की बिक्री की है। उसने खाली बची जमीन, नाले की जमीन, घास जमीन, और यहां तक कि RDA के प्रोजेक्ट कमल विहार के हिस्से की कुछ जमीन पर कब्ज़ा करके उसे भी बेच दिया। उसके इस कार्य में राजस्व, नगर निगम और RDA के अधिकारियों, कर्मियों की मिलीभगत रही है। भ्रष्ट लोगो के सहयोग से ही जमीनों का डायवर्सन कर दिया गया, बैंकों से मिलीभगत करके फाइनेंस भी धड़ाधड़ होते गए। इस मामले की जांच में सारा खुलासा हुआ और तब की भाजपा सरकार ने पूरी जमीन को अवैध घोषित कर दिया। बताया जाट है कि संजय बाजपेई ने तब किसानों की जमीन बेचने के लिए उनसे एग्रीमेंट किया और उन्हें पूरे पैसे भी नहीं दिए।

इस पूरे प्रकरण में धोखाधड़ी के आरोप में संजय बाजपेई को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया। मामले में पीड़ित लोगों ने भू एवं भवन समिति का गठन किया और हाईकोर्ट चले गए। सालों साल यह मामला चलता रहा और अदालत के फैसले का पालन भी नहीं किया गया। इस बीच संजय बाजपेई का निधन भी हो गया। पीड़ितों के तमाम प्रयासों के बावजूद पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल में इस जमीन के मामले का हल नहीं निकल सका। बता दें कि जिन लोगों ने संजय बाजपेई से जमीन खरीदने का एग्रीमेंट कर रखा है उनमें प्रदेश के कई बड़े IAS और IPS अधिकारी भी शामिल हैं। यह अच्छी तरह समझा जा सकता है कि उन्होंने केवल एग्रीमेंट क्यों करवा रखा था।

पीड़ितों ने भूपेश सरकार से लगाई गुहार

अखिरकार पीड़ितों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से न्याय की गुहार लगायी, जिस पर उन्होंने संज्ञान लेते हुए संबंधित मंत्री एवं अधिकारियों को इस केस को किसी भी प्रकार से सुलझाने का निर्देश दिया। आवास, विकास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस केस में अपनी विशेष रुचि दिखाते हुए अधिकारियों को मामले की बारीकियों को समझ कर सुलझाने का आदेश दिया। इसके लिए RDA के CEO को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।

सुधारा गया जमीन का ले आउट

इस केस को लेकर आ रहे व्यवधान और त्रुटियों को समझने के लिए नोडल अधिकारी ने सभी संबंधी विभाग के अधिकारियों बिल्डर एवं पीड़ितों की समिति के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की और जमीन के लेआउट को सुधारने का प्रयास किया और सफल हुए। पीडितों ने भी अपनी ओर से सहमति पत्र दिया और अंततः एक प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा गया। जिसके आधार पर आवास विकास मंत्रालय सचिव ने प्रस्ताव को मंत्री मो. अकबर से स्वीकृति ले कर कैबिनेट में भेजा जहां पुराने 8 लेआउट को निरस्त कर नए लेआउट के आधार पर सारी रजिस्ट्री की जमीन का नियमितीकरण करने का आदेश पारित किया। अब जा कर पीड़ितों ने राहत भरी सांस ली है |

लगभग डेढ़ दशक में स्वागत विहार का विवाद सुलझने पर इसके प्रभावितों ने खुशी का इजहार किया और भूपेश सरकार का आभार जताया। स्वागत विहार भू एवं भवन समिति के पदाधिकारियों ने आवास विकास मंत्री मोहम्मद अकबर एवं विधायक सत्यनारायण शर्मा से मुलाकात की और आभार प्रकट किया। साथ ही संबंधित विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को भी बुके भेंट कर उनके विशेष सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। भू एवं भवन समिति के अध्यक्ष भूषण राठौर, उपाध्यक्ष पी के तिवारी, सचिव वेदपुरी गोस्वामी, संगठन सचिव विजयेन्द्र सिंह सहित कई अन्य सदस्य इस मौके पर उपस्थित रहे और ख़ुशी का इजहार किया।