Indian Rescue Operations : आतंकी संगठन हमास के हमले के बाद से इस्राइल, गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ बम बरसा रहा है। इस्राइल में युद्ध के हालात को देखते हुए भारत सरकार ने वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन अजय’ नाम दिया गया है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारत सरकार ने ऐसे ऑपरेशन चला कर भारतियों को निकला है। तो आइए जानते हैं कि भारत ने कब-कब युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीयों को सुरक्षित निकाला।
भारत ने कब-कब संकट के बीच अभियान चलाए हैं?
ऑपरेशन कावेरी ( 2023 ) : इस साल अप्रैल में सूडान में सेना और अर्ध सैनिकों के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत ने हिंसाग्रस्त देश से अपने लोगों की निकासी के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ चलाया था।
ऑपरेशन गंगा (2022): पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया था। इसके तहत एक हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया था। भारतीय वायु सेना के सी-17 विमानों को भेजकर और दूतावास के कर्मियों को कीव के ट्रेन टर्मिनलों पर भेजकर लोगों को निकाला गया था।
ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): भारत ने 2021 में ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों भारतीयों को निकाला था। यह अभियान अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद चलाया गया था, जहां सैकड़ों भारतीय फंसे रह गए थे।
ऑपरेशन वंदे भारत (2021): भारत ने ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत उन भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए की, जो दुनियाभर में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद विदेश में फंसे हुए थे। 30 अप्रैल 2021 तक, ऑपरेशन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लगभग 60 लाख भारतीयों को वापस लाया गया।
ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020): कोरोना महामारी के दौरान विदेश में रह रहे भारतीयों को देश लाने के लिए 5 मई 2020 को एक नौसैनिक अभियान ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ शुरू किया गया था। 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते देश वापस लाया गया। 55 दिनों से अधिक समय तक चले मिशन में भारतीय नौसेना के जहाजों ने 23,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी।
ऑपरेशन मैत्री (2015): भारत ने 2015 के नेपाल भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू कर दिया था। सैन्य और निजी विमानों का उपयोग करके सेना-वायु सेना के एक संयुक्त अभियान के तहत 5,000 से अधिक भारतीयों को नेपाल से देश लाया गया था। इस दौरान, भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी से 170 विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला था।
ऑपरेशन राहत (2015): 2015 में यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया था। बाद में सऊदी अरब के नो-फ्लाई जोन घोषणा की वजह से हजारों भारतीय फंस गए और यमन की विमानन यात्रा भी रुक गई। भारत ने शुरू में समुद्र के रास्ते अपने नागरिकों को निकालने का विकल्प चुना। अगले कुछ हफ्तों में, भारत ने यमन में फंसे 4,640 भारतीयों के अलावा 41 से अधिक देशों से 960 विदेशी नागरिकों को बचाया।
ऑपरेशन सेफ होमकमिंग (2011): भारत ने युद्धग्रस्त लीबिया में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए 2011 में ‘ऑपरेशन होमकमिंग’ शुरू किया था। इसके तहत लीबिया से 15,400 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराई गई थी।
ऑपरेशन सुकून (2006): जुलाई 2006 में, इस्राइल और लेबनान के बीच युद्ध छिड़ने के बाद, भारत सरकार ने अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सुकून’ लॉन्च किया। नौसैनिक बचाव अभियान में जुलाई-अगस्त 2006 के बीच 2,280 व्यक्तियों को निकाला गया था। इनमें कुछ नेपाली और श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे।