नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच दिल्ली के शराब घोटाले में देश की सियासत गरमाई हुई है। बता दें प्रवर्तन निदेशालय (ED ) ने के बाद अब गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया।

जानें क्या है शराब नीति घोटाला

नवंबर 2021 में दिल्ली में नई शराब नीति लागू की गई. इससे पहले दिल्ली में शराब की 864 दुकानें थीं, जिनमें से 475 सरकारी थीं। लेकिन नई नीति के तहत, सरकार शराब के कारोबार से पूरी तरह बाहर आ गई और शराब का कारोबार निजी हाथों में सौंप दिया गया।

नई नीति आने से पहले 750ml की एक बोतल पर शराब कारोबारियों को 33.35 रुपये रिटेल मार्जिन मिलता था, लेकिन नई नीति के बाद 363.27 रुपये हो गया. इसी तरह, पहले एक बोतल 530 रुपये की मिलती थी, जो बाद में बढ़कर 560 रुपये हो गई। इससे एक तरफ कारोबारियों की तो मोटी कमाई हुई, दूसरी तरफ शराब की बिक्री पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से होने वाली सरकार की कमाई तेजी से कम हो गई।

पहले 530 रुपये की बोतल पर दिल्ली सरकार 223.89 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूलती थी लेकिन नई नीति के तहत सरकार ने होलसेल प्राइस पर एक्साइज ड्यूटी बोतल की कीमत की महज 1% कर दी। लिहाजा, शराब कारोबारियों को 530 रुपये की बोतल पर महज 1.88 रुपये ही एक्साइज ड्यूटी देनी पड़ी। जबकि, हर ग्राहक से इसी बोतल पर 30 रुपये लिए गए।

यह सब देखते हुए 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया गया। आरोप लगा कि इससे लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचा और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा। मुख्य सचिव ने आबकारी नीति 2021-22 के जरिए सरकारी खजाने को 580 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया।

मुख्य सचिव की रिपोर्ट की बातें

  • पहलीः सिसोदिया ने ‘घूस’ और ‘कमीशन’ के बदले लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। कोविड के बहाने शराब कारोबारियों की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी।
  • दूसरीः एयरपोर्ट जोन में लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये वापस कर दिए गए, जबकि ये रकम जब्त की जानी थी, क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी थी।
  • तीसरीः विदेशी शराब की कीमतें तय करने का फॉर्मूला संशोधित किया। बीयर पर 50 रुपये प्रति केस की एक्साइज ड्यूटी लेवी हटा दी। इससे होलसेलर के लिए विदेशी शराब सस्ती हो गई और सरकार की कमाई घट गई।

इस रिपोर्ट पर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। घोटाले में पैसों की हेराफेरी के भी आरोप थे, इसलिए ईडी भी इसमें शामिल हो गई। केस दर्ज करने के बाद सीबीआई और ईडी ने छापे मारे और गिरफ्तारियां शुरू कीं। ईडी और सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि 2021-22 की आबकारी नीति की वजह से दिल्ली सरकार को कथित तौर पर 2,873 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा।

जानें कौन कब हुआ गिरफ्तार

  • 27 सितंबर 2022 को CBI ने विजय नायर को गिरफ्तार किया।
  • अगले ही दिन ईडी ने समीर महेंद्रू को गिरफ्तार कर लिया।
  • 26 फरवरी 2023 को CBI ने मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया
  • CBI के बाद ED ने भी मनीष सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया।
  • 4 अक्टूबर 2023 को AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह अरेस्ट।
  • 15 मार्च 2024 को तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता अरेस्ट
  • 21 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार।

घोटाले के मुख्य किरदार

  • मनीष सिसोदिया (दिल्ली के आबकारी मंत्री)
  • एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर)
  • आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर)
  • पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर)
  • विजय नायर (ओनली मच लाउडर का पूर्व सीईओ)
  • मनोज राय (परनोड रिकॉर्ड का पूर्व कर्मचारी)
  • अमनदीप ढाल (ब्रिंडको सेल्स का डायरेक्टर)
  • समीर महेंद्रू (इंडोस्पिरिट्स ग्रुप का एमडी)
  • अमित अरोड़ा (बडी रिटेल का डायरेक्टर)
  • दिनेश अरोड़ा, सनी मारवाह (महादेव लिकर्स का अथॉराइज्ड सिग्नेटरी)
  • अरुण रामचंद्र पिल्लई
  • अर्जुन पांडे
  • बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड
  • महादेव लिकर्स

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